भारतीय बल्लेबाजों ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में रविवार को न्यूजीलैंड के मिचेल सेंटनर और माइकल ब्रेसवेल का सामना करने से पहले शुक्रवार को बाएं हाथ और ऑफ स्पिन के खिलाफ अपना कौशल को निखारा।

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शीर्ष और मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा की घरेलू स्पिन चौकड़ी का सामना करने के बाद स्थानीय स्पिनरों का सामना किया।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

पिछले मैच में न्यूजीलैंड के कप्तान सेंटनर ने कसी गेंदबाजी (10-1-41-1) की थी लेकिन ब्रेसवेल (9-0-56-0) थोड़े महंगे रहे। इन दोनों ने मिलकर अब तक चार मैचों में 13 विकेट लिए हैं। रचिन रविंद्र (6-0-31-1) ने भी बाएं हाथ की स्पिन का अच्छा स्पेल डाला था।

दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम (डीआईसीएस) की पिच से स्पिनरों को कुछ मदद मिलने की उम्मीद है, इसलिए भारतीय बल्लेबाज कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने कहा कि यहां की पिच धीमी गति के गेंदबाजों को मदद देना जारी रख सकती है।

कोटक ने कहा- विकेट निश्चित रूप से थोड़ा बदलते हैं, लेकिन यहां इसकी प्रवृत्ति में बहुत बदलाव नहीं आया है। हमारी बल्लेबाजी वास्तव में अच्छी रही है।

कोटक ने कहा कि भारतीय बल्लेबाज किसी भी दिन किसी भी पिच के अनुकूल ढल सकते हैं। उन्होंने कहा- हमारे बल्लेबाज किसी भी सतह पर खुद को ढाल सकते हैं। इसलिए यही मुख्य बात है। मुझे लगता है कि हम विकेट के हिसाब से खुद को ढाल सकते हैं।

कोटक ने आगे कहा- लेकिन इस तरह के विकेट (डीआईसीएस पर), आप स्ट्राइक रोटेट करने की कोशिश करते हैं और आप खेल को गहराई तक ले जाने की कोशिश करते हैं। अगर आप लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं तो खेल को खत्म करने की कोशिश करते हैं या बड़ा लक्ष्य निर्धारित करने की कोशिश करते हैं। मुझे लगता है कि हमने यह बहुत अच्छा किया है।

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