प्रधानमंत्री के दौरे से पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए विदेश मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने “दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट राजनीतिक संबंध” की सराहना की. उन्होंने कहा, “यह भारतीय प्रधानमंत्री का कुवैत का 43 सालों में पहला दौरा है, इसलिए इसका महत्वपूर्ण महत्व है.” कुवैत जाने वाले अंतिम भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं, जिन्होंने 1981 में कुवैत का दौरा किया था.
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
अमीर महल में पीएम मोदी का होगा स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी को बायन पैलेस (अमीर का महल) में एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा, इसके बाद वह अमीर और क्राउन प्रिंस के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे. इस दौरे में कुवैत के प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधि-स्तरीय वार्ता भी होगी.
इन मुद्दों पर पीएम करेंगे चर्चा
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी कुवैत नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं – व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संस्कृति और जन-जन संबंधों की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही दोनों पक्षों को इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए जो कदम उठाने होंगे, उस पर चर्चा करेंगे.
चटर्जी ने मोदी के श्रमिक शिविर के दौरे पर कहा, “हमारे पास कुवैत में लगभग एक मिलियन भारतीय हैं. श्रमिक शिविर का दौरा इस बात को व्यक्त करने के लिए है कि भारत सरकार हमारे श्रमिकों को कितनी महत्वपूर्ण मानती है, जो एक विदेशी देश में काम कर रहे हैं.”
भारतीय श्रमिकों पर निर्भर कुवैत
इस साल जून में, कुवैत सिटी के दक्षिण में मंगाफ में एक अपार्टमेंट में आग लगने से लगभग 40 भारतीय श्रमिकों की मौत हो गई थी, जो प्रवासी श्रमिकों से भरा हुआ इलाका है. कुवैत में भारतीयों की संख्या कुवैत की कुल जनसंख्या का 21 प्रतिशत और कार्यबल का 30 प्रतिशत है. कुवैत भारतीय श्रमिकों पर बहुत निर्भर है, चाहे वे बढ़ई, राजमिस्त्री, घरेलू श्रमिक, फैब्रिकेटर, ड्राइवर, या यहां तक कि फूड डिलीवरी राइडर और कूरियर डिलीवरी बॉय हों.
कुवैत का भारत में बड़ा निवेश
कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक है, और 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 बिलियन डॉलर था. यह भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों का तीन प्रतिशत पूरा करता है. कुवैत के भारत में निवेश 10 बिलियन डॉलर से अधिक हैं, जबकि भारत से कुवैत के निर्यात 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुके हैं, जो एक रिकॉर्ड है.