इजरायल पहले से ही लेबनान में हिजबुल्ला, हमास, हूती से जंग लड़ रहा है. रूस का यूक्रेन से जंग खत्म ही नहीं हो रही. इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) की जंग की आग मिडिल ईस्ट (Middle East) में ऐसी फैली की चारों तरफ अब जंग ही सुनाई दे रही है.
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर
मिडिल ईस्ट में लगी जंग की आग
मिडिल ईस्ट में आने वाले दिनों में स्थिति और भी लगातार बदतर होती जा रही है. इस बीच ईरान के राजदूत इराज इलाही (Iraj Elahi) ने पश्चिमी एशिया में स्थिरता लाने में मदद करने के लिए भारत के दखल की मांग की है. जानें पूरा मामला. भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने शुक्रवार को कहा कि भारत बड़ी शक्ति और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज होने के नाते पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष को कम करने में ‘सक्रिय भूमिका’ निभा सकता है.
रूस-चीन से क्या मांगी मदद?
इलाही ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए एक विशेष इंटरव्यू में इजराइल-हिजबुल्ला संघर्ष और इजराइल-हमास संघर्ष के बारे में बात करते हुए यह बात कही है. यह पूछे जाने पर कि क्या ईरान ने संघर्ष के संबंध में अन्य देशों से संपर्क किया है, इलाही ने कहा कि ईरान ने रूस और चीन के साथ संपर्क किया है लेकिन वह भारत के साथ सीधा संपर्क में नहीं है. लेकिन ईरान ने भारत के साथ-साथ अन्य प्रभावशाली देशों से आग्रह किया है कि वे इजराइल से तनाव कम करने के लिए कहें.
ईरान बनना चाहता है शक्तिशाली क्षेत्र
ईरान के राजदूत ने कहा कि हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता है. हम (ईरान) एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र चाहते हैं. किसी देश के विकास के लिए शांति और स्थिरता सबसे पहली शर्त है.’ उन्होंने कहा, ”लेकिन फलस्तीन में जो हो रहा है उसके प्रति हम बेरुखी नहीं दिखा सकते… हम फलस्तीन में लोगों के मारे जाने की घटनाओं को नजरअंदाज या उपेक्षा नहीं कर सकते.”
भारत से मांगी मदद
राजदूत ने भारत के साथ संबंधों पर कहा कि भारत ईरान और इजराइल दोनों का घनिष्ठ मित्र है. इलाही ने कहा, “लेकिन हमारे रिश्ते 2,000 साल पुराने हैं जबकि भारत और इजराइल के रिश्ते इतने पुराने नहीं हैं. एक बड़ी शक्ति और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत इस क्षेत्र में तनाव कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है.” उन्होंने कहा कि ईरान को उम्मीद है कि भारत तनाव कम करने के लिए अपने प्रभाव और क्षमताओं का इस्तेमाल करेगा.
भारत से क्यों है उम्मीद?
भारत हमेशा से ही जंग के बजाय शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समस्या के समाधान पर जोर देता रहा है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जंग खत्म करने को लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात भी कर चुके हैं. इजरायल ने जब अपने पड़ोसी लेबनान में मिलिशिया ग्रुप हिज्बुल्लाह के ठिकानों को टारगेट करना शुरू किया, तब भी पीएम मोदी ने नेतन्याहू को फोन किया था और उनसे हमले रोकने की अपील की थी. भारत के पीएम रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में ही दोनों देशों के राष्टपति से मिल चुके हैं.