इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि लगभग 60 सालों से इजराइल के कब्जे में रहा गोलान हाइट्स ‘हमेशा के लिए’ इजराइल का ही रहेगा. यरुशलम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए नेतन्याहू ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके पहले कार्यकाल के दौरान 1981 में इस क्षेत्र पर इजराइल के कब्जे को मान्यता देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि गोलान सदैव इजराइल राज्य का हिस्सा रहेगा.
1967 की जंग में किया था कब्जा
इजराइल ने 1967 की छह दिवसीय जंग के बाद सीरिया के अधिकांश पहाड़ी इलाके पर कब्जा कर लिया था और तब से वह यहां कब्जा जमाए हुए है. 1973 में सीरिया ने सेना भेज कर इस हिस्से को वापस लेने की कोशिश की गई थी, लेकिन इजराइल सेना ने इसे नाकाम कर दिया था.
गोलान हाइट्स से सीरिया की राजधानी दमिश्क पर सीधे नजर रखी जा सकती है. नेतन्याहू ने कहा कि ऊंचे इलाकों पर इजराइल का नियंत्रण हमारी सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करता है. साथ ही उन्होंने असद के पतन के बाद गोलान हाइट्स के बफर जोन और उसके आगे के इलाके को नियंत्रित करने के लिए अपनी सेनाएं भेजी हैं.
संयुक्त राष्ट्र और अरब देशों की निंदा
संयुक्त राष्ट्र और इजराइल के पड़ोसियों ने इस कदम की निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि इजराइल की कार्रवाई इजराइल और सीरिया के बीच 1974 के समझौते का उल्लंघन है. नेतन्याहू ने रविवार को कहा था कि असद सरकार के पतन और सीरियाई सेना के अपनी चौकियों को छोड़ने से यह समझौता अमान्य हो गया है.
अरबी समाचार वेबसाइट “+963” के अनुसार, इजराइली सेना ने देश के दक्षिण-पश्चिम में कुनीत्रा ग्रामीण इलाकों में जमीनी घुसपैठ के बाद सोमवार को पूर्व सीरियाई सरकार से संबंधित कई सैन्य स्थलों पर हवाई हमले किए।राजधानी दमिश्क के बरजेह क्षेत्र में रासायनिक हथियारों के उत्पादन से जुड़े एक पूर्व सरकारी स्थल के पास कम से कम दो विस्फोट किए। साथ ही दक्षिणी दमिश्क के सैय्यदा जैनब क्षेत्र के आसपास ईरानी समर्थक गुटों से संबंधित सैन्य गोदामों और मुख्यालयों को भी निशाना बनाया।वेबसाइट ने एक स्थानीय सूत्र के हवाले से कहा कि इजराइली सैन्य विमानों ने मध्य सीरिया के होम्स ग्रामीण इलाके में शायरात सैन्य हवाई अड्डे पर हमला कर बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया। इस क्षेत्र में हयात तहरीर अल-शाम के लड़ाके तैनात हैं। इजराइली सेना ने उन्हें कोई क्षति नहीं पहुंचाई।
इजराइल ने उत्तर-पूर्व में हसाकाह ग्रामीण इलाके में कामिश्ली हवाई अड्डे और टारटाब रेजिमेंट को भी निशाना बनाया। इसके बाद यहां कई विस्फोट हुए। देश के पूर्व में दीर एज-जोर में अल-मयादीन रेगिस्तान में ऐन अली श्राइन के पास ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक पूर्व मुख्यालय को हवाई हमला कर जमींदोज कर दिया। यहां तोपखाना स्थापित किया गया था।
हमले के बाद टैंक, गोला-बारूद और खदानों में आग लग गई।इसके अलावा इजराइली लड़ाकू विमानों ने मुल्क के पश्चिम में लताकिया के बंदरगाह पर तैनात सैन्य नौकाओं और रास शामरा क्षेत्र के पास अल-बायदा के बंदरगाह में वायु रक्षा ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इजराइली समाचार पत्र मारीव के अनुसार, सीरियाई बलों के वहां से हटने के बाद इजराइली बलों ने माउंट हर्मन सैन्य स्थल पर नियंत्रण कर लिया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि बफर जोन पर नियंत्रण कर लिया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को इजराइल ने सीरिया के कम से कम 100 सैन्य ठिकानों पर हमला किया।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, इजराइल ने विभिन्न क्षेत्रों में सैन्य स्थलों को निशाना बनाया।इससे पहले इजराइली युद्धक विमानों ने रविवार और शनिवार को भी सीरिया के रणनीतिक सैन्य और सुरक्षा स्थलों को निशाना बनाकर कई केंद्रित हवाई हमले किए। इजराइली ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी के मुताबिक, इजराइली बलों ने दमिश्क में वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र पर बमबारी की। यह केंद्र रासायनिक हथियार और लंबी दूरी की मिसाइलें विकसित करने के लिए जाना जाता है। इजराइल ने खलखला एयर बेस को भी निशाना बनाया। हवाई हमले के बाद इस एयर बेस में रॉकेट और मिसाइलों के बड़े भंडार में विस्फोट के साथ आग लग गई।
इजराइल ने पिछले 48 घंटों में सीरिया पर करीब 300 एयर स्ट्राइक की हैं. जिसकी वजह से सीरियाई एयर फोर्स और एयर डिफेंस नेटवर्क पूरी तरह से तबाह हो गया है, लगभग सभी विमान, हेलीकॉप्टर और वायु रक्षा प्रणाली इन हमलों में नष्ट हो गईं हैं.
इजराइल क्यों कर रहा हमले?
इजराइल ने सोमवार को सीरिया के उन हथियारों को निशाना बनाया जिनके बारे में उसे डर है कि बशर अल-असद शासन के पतन के बाद वह चरमपंथियों के हाथों लग सकते हैं. दो सीरियाई सुरक्षा सूत्रों ने सोमवार को कहा कि इजराइली विमानों ने कम से कम तीन प्रमुख सीरियाई सेना के हवाई ठिकानों पर बमबारी की, जिनमें दर्जनों हेलीकॉप्टर और जेट विमान थे. असद के सत्ता से हटने के बाद हवाई ठिकानों पर ये सबसे बड़े हमलें हैं.
कतर, सऊदी अरब और इराक ने इजराइल के इन हमलों की निंदा की है और सीरिया क्षेत्र से जल्द से जल्द कब्जा छोड़ने का अह्वान किया है. इसके अलावा हूती समूह ने भी क्यूनेत्रा और माउंट हरमोन के नए क्षेत्रों में इजराइली सैन्य कार्रवाइयों के साथ-साथ दमिश्क पर हवाई हमलों में वृद्धि पर गहरी चिंता व्यक्त की है.
अमेरिका और तुर्की भी कर रहे सीरिया में हमले
सिर्फ इजराइल ही नहीं अमेरिका और तुर्की ने भी अपने-अपने हितों को बचाने के लिए सीरिया में एयर स्ट्राइक की हैं. अमेरिका के विदेश विभाग ने सोमवार को जानकारी दी कि उसने ISIS के लगभग 75 ठिकानों पर हमले किए हैं. वहीं तुर्की ने भी कुर्द फोर्स के ठिकानों को निशाना बनाया है.