सावन के पहले सोमवार के साथ उत्तराखंड में औपचारिक रूप से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो गयी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में आने वाले शिवभक्त कांवड़ियों का स्वागत किया और उनकी सुखद तथा मंगलमय यात्रा की कामना की।

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हालांकि, मुख्यमंत्री ने कांवड़ियों से इस दौरान गंगा को स्वच्छ बनाए रखने तथा कानून-व्यवस्था का पालन करने की अपील भी की।

उन्होंने कहा, ”भगवान शिव से आपकी सुखद और मंगलमय यात्रा की कामना करता हूं। यात्रा के दौरान मां गंगा की स्वच्छता और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में भी प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें।”

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कांवड़ यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हरिद्वार का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैरागी कैंप, सिंह द्वार, शंकराचार्य चौक, बस अड्डा, ज्वालापुर, नीलधारा पार्किंग, रोड़ी बेलवाला, हर की पौड़ी एवं अन्य मेला क्षेत्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

इसके बाद, कुमार ने मेला नियंत्रण कक्ष में एक बैठक की और अपने लंबे अनुभव को साझा करते हुए विगत वर्षों में कांवड़ यात्रा में पेश आई समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण, पुलिस के समक्ष चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां एवं अन्य विभागों से बेहतर तालमेल आदि छोटी-बड़ी समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कांवड़ मेला हमारे लिए एक चुनौती है जिसे हमें मुस्तैदी के साथ निभाना है।

बैठक में गढ़वाल क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक केएस नगन्याल ने बताया कि डाक कांवड़ के दौरान दोपहिया वाहन सड़क के डिवाइडर को तोड़कर या लांघकर दूसरी तरफ आ जाते हैं, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है और अव्यवस्था फैल जाती है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड

उन्होंने सड़क पर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को इस चुनौती पर विशेष ध्यान देने को कहा।

इसके बाद पुलिस महानिदेशक ने अन्य अधिकारियों के साथ गंगा की सांयकालीन आरती के दर्शन किए तथा उनसे कांवड़ मेला को सकुशल संपन्न कराने की प्रार्थना की।

पुलिस ने बताया कि व्यवस्था की दृष्टि से संपूर्ण कांवड मेला क्षेत्र को 13 सुपर जोन, 31 जोन और 126 सेक्टर में विभाजित किया गया है।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से मेला क्षेत्र में डॉग स्कवायड, बम निरोधक दस्तों और घुड़सवार पुलिस को भी तैनात किया गया है जबकि 22 ड्रोन कैमरों के जरिए आसमान से भी निगरानी की जा रही है।

हर वर्ष सावन के माह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्यों से शिवभक्त कांवड़ लेकर गंगाजल भरने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचते हैं।

उधर, हरिद्वार में अलग-अलग घाटों पर दो कांवड़ियों के डूबने की सूचना मिली जिसके बाद राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीम ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया ।

एसडीआरएफ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कांगड़ा घाट में गंगाजल लेने के दौरान एक कांवड़िया अनियंत्रित होकर गंगा नदी के तेज बहाव में बहने लगा। हालांकि, एसडीआरएफ की टीम ने उसे बाहर निकाल लिया। कांवडिए की पहचान हरियाणा के रोहतक के निवासी पवन कुमार (29) के रूप में हुई ।

एक अन्य घटना में, एसडीआरएफ ने बैरागी कैंप में नदी में बह रहे एक कांवड़िए को सुरक्षित बाहर निकाला जिसकी पहचान 45 वर्षीय गिरीश कुमार के रूप में की गयी।


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