भारत सरकार के राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत ऊधमसिंह नगर में स्थित खुरपिया फार्म को स्मार्ट औद्योगिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।



मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसके लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में विशेष अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री का कहना था कि इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखण्ड में 15 हजार करोड़ का निवेश संभावित है और करीब 50 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज एनआईसीडीपी के तहत ₹28,602 करोड़ के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।

केंद्र सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से देश में औद्योगिक नोड्स और शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा जो आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। उत्तराखण्ड में ऊधमसिंह नगर के खुरपिया फार्म को इस औद्योगिक क्षेत्र के लिए चिन्हित किया गया है।
खुरपिया फार्म में भारत सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर ₹1265 करोड़ की लागत से स्मार्ट औद्योगिक शहर विकसित किया जाएगा।
भारत जल्द ही स्वर्णिम चतुर्भुज के आधार पर औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक श्रृंखला स्थापित करेगा। नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिन्हें ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं पर “मांग से पहले” बनाया जाएगा।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचा होगा, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगा। औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्र के परिवर्तन के लिए विकास केन्द्र बनाने की परिकल्पना की गई है।
एनआईसीडीपी से महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें अनुमानित 1 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां और नियोजित औद्योगीकरण के माध्यम से 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इससे न केवल आजीविका के अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि उन क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में भी योगदान मिलेगा जहां ये परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
उत्तराखंड के खुरपिया को किया जायेगा औद्योगिक स्मार्ट शहर की तर्ज़ पर विकसित आज मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 12 औद्योगिक नोड/शहरों को मंजूरी दी, जिसमें उत्तराखंड के खुरपिया किच्छा को चुने जाने पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए इसे किच्छा के विकास के लिए एतिहासिक दिन बटाया।
आज नरेंद्र मोदी कैबिनेट द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णय से भारत जल्द ही स्वर्णिम चतुर्भुज के आधार पर औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य श्रृंखला स्थापित करेगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के औद्योगिक परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए 28,602 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं को हरी झंडी दी। ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं के साथ मांग से पहले विश्व स्तरीय ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों का निर्माण किया जाएगा। निवेश और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मजबूत, टिकाऊ बुनियादी ढांचा, विकसित भारत के विजन के अनुरूप, ये परियोजनाएं निवेशकों के लिए उपलब्ध भूमि के साथ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका को मजबूत करेंगी।
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि भारत जल्द ही औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य श्रृंखला स्थापित करेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय में, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। यह कदम देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है, जिससे औद्योगिक नोड्स और शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा जो आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।
10 राज्यों में फैले और रणनीतिक रूप से नियोजित 6 प्रमुख गलियारों के साथ ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाएंगी।
ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल और कोप्पर्थी और राजस्थान में जोधपुर-पाली में स्थित हैं।
एनआईसीडीपी के तहत 12 नए औद्योगिक नोड्स की स्वीकृति भारत की वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एकीकृत विकास, टिकाऊ बुनियादी ढाँचे और निर्बाध कनेक्टिविटी पर रणनीतिक ध्यान देने के साथ, ये परियोजनाएं भारत के औद्योगिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने और आने वाले वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए तैयार हैं।
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि उनका सपना था कि किच्छा को एक अलग पहचान मिले जिसके लिए उन्होंने तत्कालीन विधायक के रूप में भाजपा सरकार में विशेष प्रयास किया गया जिसका परिणाम सामने आ रहा हैं। किच्छा अब स्मार्ट सिटी बनेगा।


