कार्यक्रम संयोजक एवं पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने विभाजन विभीषिका के 51 सेनानियों को पुष्प माला, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया व काबीना मंत्री ने किच्छा में विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक बनाने हेतु 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में काबीना मंत्री गणेश जोशी, संगठन मंत्री अजेय कुमार,रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल,
काबीना मंत्री गणेश जोशी ने हिंसा की भेंट चढ़े, अपने मान-सम्मान और प्राणों की आहुति देने वाले प्रत्येक पुण्यात्मा को शत शत नमन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस घोषित किए जाने हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली। स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है। हालाँकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ-साथ देश को विभाजन का आघात भी सहना पड़ा।उन्होंने कहा कि नए स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन के हिंसक दर्द के साथ हुआ, जिसने लाखों भारतीयों पर पीड़ा के स्थायी निशान छोड़े। विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े विस्थापनों में से एक है, जिससे लगभग 2 करोड़ लोग प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि परिवारों को अपने पैतृक गांवों/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थी के रूप में एक नया जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि 14-15 अगस्त, 2024 की आधी रात को पूरा देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, लेकिन इसके साथ ही विभाजन का दर्द और हिंसा भी देश की स्मृति में गहराई से अंकित है। हालांकि, देश बहुत आगे बढ़ गया है और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, लेकिन देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अपनी आजादी का जश्न मनाते हुए एक कृतज्ञ राष्ट्र, मातृभूमि के उन बेटे-बेटियों को भी नमन करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी।उन्होंने कहा कि राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गंवाने वाले और अपनी जड़ों से विस्थापित होने वाले सभी लोगों को उचित श्रद्धांजलि के रूप में, सरकार ने हर साल 14 अगस्त को उनके बलिदान को याद करने के दिवस के रूप में मोदी जी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का फैसला किया।उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के शब्दों में कहूँ तो “देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी”।
कार्यक्रम को प्रदेश संगठन मंत्री अजेय कुमार, कार्यक्रम संयोजक राजेश शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल द्वारा भी संबोधित किया गया। कार्यक्रम संयोजक राजेश शुक्ला ने विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक बनाने की मांग काबीना मंत्री से की। कार्यक्रम मै विभाजन विभीषिका की डाकोमेंट्री फिल्म दिखाई गई तथा स्कूली बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर दर्जा मंत्री, उत्तम दत्ता, राजपाल सिंह, ब्लॉक प्रमुख ममता जल्होत्रा, पूर्व विधायक डॉ0 प्रेम सिंह राणा, निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष पंजाबी महासभा राजीव घई, पंजाबी महासभा प्रदेश युवा अध्यक्ष भारत भूषण चुघ, जिला महामंत्री अमित नारंग, सांसद प्रतिनिधि विपिन जल्होत्रा, अक्षय अरोड़ा, दिग्विजय खाती, फूलचंद राठौड़, हरविंदर कौर, राजीव त्यागी, मदन मदान, मुकेश कोहली, विवेक सक्सेना, गुरविंदर सिंह चंडोक, आरती दुबे, अंजू जायसवाल आदि उपस्थित थे।
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हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर