ऐसे उत्साही लोगों के लिए नासा के रोवर ने मंगल ग्रह से अद्भुत नजारा अपने कैमरे में कैद करके भेजा है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर लाल-हरे बादलों को कैमरे में कैद किया है! तो क्या मंगल ग्रह पर भी बादल मंडरा रहे हैं? इस चित्र का रहस्य क्या है? आइये हम आपको विस्तार से समझाते हैं।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
नासा ने एक बार फिर अंतरिक्ष प्रेमियों को आश्चर्यचकित कर दिया है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के आकाश में रंग-बिरंगे बादलों की अद्भुत तस्वीरें भेजी हैं, जिनमें लाल और हरे रंग की छटा देखी जा सकती है। ये बादल मंगल ग्रह के वायुमंडल और जलवायु को समझने में मदद कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये इंद्रधनुषी बादल कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ से बने होते हैं और सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण चमकते हैं।
क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल की सतह पर घूमते हुए मास्टकैम की मदद से 16 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड किया। यह घटना 17 जनवरी 2025 को दर्ज की गई जिसमें इन रंगीन बादलों को मंगल ग्रह पर मंडराते हुए देखा जा सकेगा। यद्यपि मंगल ग्रह पर वायुमंडल की संरचना भिन्न है, फिर भी पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह पर भी अपने मौसमी पैटर्न हैं। नासा का कहना है कि हमारे ग्रह के समान दिखने के बावजूद, मंगल के बादलों में सूखी बर्फ या जमी हुई कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद है।
कभी-कभी ये बादल कई रंग ले लेते हैं, जिन्हें इंद्रधनुषी या “मोती जैसे” बादल कहा जाता है। ये दिन के समय दिखाई नहीं देते, केवल शाम को ही दिखाई देते हैं। इन्हें केवल तभी देखा जा सकता है जब वे अधिक ऊंचाई पर हों। ऐसा कहा जाता है कि मंगल ग्रह के वायुमंडल में 95% से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड है। नासा के अनुसार ये बादल सतह से लगभग 50 किलोमीटर की ऊंचाई पर बन सकते हैं और बढ़ते तापमान के कारण वाष्पित भी हो सकते हैं।

