इस दौरान लालदुहोमा ने चिन-कुकी- जो भारत, बांग्लादेश और म्यांमार में रहने वाली ईसाई जनजातियां हैं- की एकता और एक देश बनाने का आह्वान किया। अमेरिका में दिए गए इस भाषण के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिकी खुफिया एजेंसियां भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को अलग करके एक अलग ईसाई देश बनाने की कोशिश कर रही हैं ? इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दी है.
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
1- बांग्लादेश, म्यांमार और भारत.. तीन देशों को काटकर नया ईसाई देश बनाने की साजिश किसकी?
अमेरिका 56.00 %
चाइना 38.00 %
कह नहीं सकते 06.00 %
2- मिजोरम, मणिपुर, म्यांमार के चिन प्रान्त को जोड़ कर ईसाई देश बनाना चाहता था अमेरिका, वजह क्या?
सेंट मार्टिन द्वीप पर कब्ज़ा 15 .00 %
चाइना को घेरना 21.00 %
भारत को घेरना 49.00 %
कह नहीं सकते 15.00 %
3- क्या ईसाई देश के खिलाफ अरकान आर्मी अब सबसे बड़ा चैलेंज हैँ?
हां 62.00 %
नहीं 33.00 %
कह नहीं सकते 05.00 %
4- मौज़ूदा हालात मे अरकान आर्मी किसे फायदा पंहुचा रही हैँ?
भारत 29.00 %
चाइना 13.00 %
खुद को 53.00 %
कह नहीं सकते 05.00 %
5- बांग्लादेशी फौज क्या अरकान आर्मी का भी सामना नहीं कर सकती?
हां 59 .00 %
नहीं 34.00 %
कह नहीं सकते 07.00 %
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