
वर्ल्ड पुलिस खेलों में चमका मुकेश पाल का सितारा: कुमाऊं का गौरव और कोच नागेंद्र शर्मा का अहम योगदान
रुद्रपुर के लिए गर्व और उत्सव का अवसर तब और विशेष हो गया, जब हमारे जिले के होनहार खिलाड़ी श्री मुकेश पाल ने अमेरिका के बर्मिंघम में आयोजित वर्ल्ड पुलिस खेलों में पावरलिफ्टिंग में एक रजत और एक कांस्य पदक जीतकर न केवल उत्तराखंड बल्कि सम्पूर्ण भारत का नाम गौरवान्वित किया। उनकी इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर रुद्रपुर में श्री सुरेश कोली जी के आवास पर पाल समाज, रुद्रपुर के खेल प्रेमियों तथा मेरे द्वारा, जिला ओलंपिक संघ, उधम सिंह नगर के अध्यक्ष के नाते, आयोजित अभिनंदन समारोह वास्तव में जनपद की खेल प्रतिभाओं के सम्मान का प्रतीक रहा।
इस गौरवपूर्ण अवसर पर पूर्व पालिका अध्यक्ष श्रीमती सोनी कोली, श्री सुरेश कोली, श्री तरुण दत्ता, श्री मक्खन पाल, डॉ. (श्रीमती) सुधा पाल, श्रीमती रश्मि रस्तोगी, श्री रमेश पाल, श्री योगेश चंद्र पांडे, श्री गौरव मिश्रा सहित अनेक खेल प्रेमी उपस्थित रहे। सभी के चेहरों पर अपार खुशी और गर्व का भाव था।


विशेष उल्लेखनीय है कि इस सफलता के पीछे कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कोच श्री नागेंद्र शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिनके कुशल मार्गदर्शन, सशक्त प्रशिक्षण एवं प्रेरणा से मुकेश पाल ने यह मुकाम हासिल किया। श्री नागेंद्र शर्मा का नाम इस ऐतिहासिक उपलब्धि में स्वर्ण अक्षरों से अंकित किया जाना चाहिए, क्योंकि एक खिलाड़ी की सफलता के पीछे उसके कोच का परिश्रम, रणनीति और मानसिक संबल अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
खेल केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों का माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की एकता और गौरव का प्रतीक होते हैं। मुकेश पाल की इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया कि कठिन परिश्रम, लगन और सही दिशा-निर्देश से कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। उनकी यह जीत पूरे उत्तराखंड, विशेषकर उधम सिंह नगर के युवाओं को नई प्रेरणा देगी।
अब हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसे खिलाड़ियों को ना केवल सम्मान दें, बल्कि उन्हें हर संभव संसाधन, आधुनिक प्रशिक्षण और बेहतर अवसर उपलब्ध कराएं, ताकि वे भविष्य में और भी ऊँचे मंचों पर तिरंगा लहरा सकें। जिला ओलंपिक संघ इस दिशा में निरंतर प्रयासरत रहेगा।
मुकेश पाल को इस अद्वितीय उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और कोच श्री नागेंद्र शर्मा को भी इस सफलता में उनके अमूल्य योगदान के लिए सैल्यूट। आशा है कि यह सफलता खेलों में हमारी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी और उत्तराखंड का नाम आगे भी वैश्विक मंचों पर रोशन होता रहेगा।

