
इस मिशन का उद्देश्य दोनों फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना था।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
यह मिशन पहले 7 दिनों के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह अनिश्चितकाल तक बढ़ गया। अब, सुनीता विलियम्स और बच विलमोर पृथ्वी की ओर लौट रहे हैं। अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने के कारण, उनके शरीर पर माइक्रोग्रैविटी का असर वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन का विषय है। जब वे पृथ्वी पर लौटेंगे, तो उनका शरीर गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को फिर से महसूस करेगा, जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक चुनौती हो सकता है।
महाकाश यात्रा के दौरान, शरीर में पेशियों और हड्डियों की कमजोरी होती है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण शरीर को वही कार्य नहीं करना पड़ता है जो पृथ्वी पर होता है। ऐसे में, सुनीता विलियम्स को पृथ्वी पर लौटने के बाद शारीरिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि मांसपेशियों की कमजोरी और हड्डियों की घनत्व में कमी।
