एनआईए , उत्तराखंड की राजधानी में भी एक गन डीलर के यहां पहुंची हैं।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर बाजपुर एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। वहीं देहरादून टर्नर रोड के पास भी एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। यहां पिछले साल कारतूस का मामला सामने आया था। देहरादून के गन डीलर परिक्षित नेगी के गन स्टोर से कारतूस ले जाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने नेगी को गिरफ्तार था जोकि फिलहाल जमानत पर बाहर है।
भारत पर लगाया था हत्या का आरोप
एनआईए ने यह कदम आतंकवादियों और ड्रग्स डीलर्ज के बीच साठगांठ को खत्म करने के मकसद से उठाई है। दरअसल, भारत में बैठे आतंकी मददगार विदेशों में रहे रहे आतंकियों और गैंगस्टरों को हवाला चैनल के माध्यम से हथियार और ड्रग्स की सप्लाई करते हैं।
एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब कनाडा में खलिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि उनकी हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें कनाडाई नागरिक बताते हुए भारत पर हत्या का आरोप लगाया था।
इस दौरान उन्होंने कनाडा से भारतीय राजनयिक को भी बाहर कर दिया। इसके जवाब में भारत ने भी दिल्ली से कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया और कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा भी रोक दी।
जानें कौन है परिक्षित नेगी
पिछले साल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को दो हजार कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। अगस्त में हुई इस कार्रवाई में पता चला कि यह कारतूस देहरादून के गन डीलर से खरीदे गए थे। दिल्ली पुलिस ने पड़ताल की तो यहां रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया। रॉयल गन हाउस पर स्थानीय पुलिस ने भी छापा मारा तो मालूम हुआ कि यह दुकान बीते दो माह से खुली ही नहीं। इस गन हाउस को टर्नर रोड निवासी परिक्षित नेगी चलाता है। प्रशासन ने भी इस दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
एनआईए की टीम उत्तराखंड की राजधानी में भी एक गन डीलर के यहां पहुंची हैं।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर बाजपुर एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। वहीं देहरादून टर्नर रोड के पास भी एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। यहां पिछले साल कारतूस का मामला सामने आया था। देहरादून के गन डीलर परिक्षित नेगी के गन स्टोर से कारतूस ले जाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने नेगी को गिरफ्तार था जोकि फिलहाल जमानत पर बाहर है।
भारत पर लगाया था हत्या का आरोप
एनआईए ने यह कदम आतंकवादियों और ड्रग्स डीलर्ज के बीच साठगांठ को खत्म करने के मकसद से उठाई है। दरअसल, भारत में बैठे आतंकी मददगार विदेशों में रहे रहे आतंकियों और गैंगस्टरों को हवाला चैनल के माध्यम से हथियार और ड्रग्स की सप्लाई करते हैं।
एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब कनाडा में खलिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि उनकी हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें कनाडाई नागरिक बताते हुए भारत पर हत्या का आरोप लगाया था।
इस दौरान उन्होंने कनाडा से भारतीय राजनयिक को भी बाहर कर दिया। इसके जवाब में भारत ने भी दिल्ली से कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया और कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा भी रोक दी।
जानें कौन है परिक्षित नेगी
पिछले साल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को दो हजार कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। अगस्त में हुई इस कार्रवाई में पता चला कि यह कारतूस देहरादून के गन डीलर से खरीदे गए थे। दिल्ली पुलिस ने पड़ताल की तो यहां रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया। रॉयल गन हाउस पर स्थानीय पुलिस ने भी छापा मारा तो मालूम हुआ कि यह दुकान बीते दो माह से खुली ही नहीं। इस गन हाउस को टर्नर रोड निवासी परिक्षित नेगी चलाता है। प्रशासन ने भी इस दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
जांच में पाया गया था कि नेगी कारतूसों की सप्लाई कई बार गैर कानूनी ढंग से कर चुका है। अगस्त 2022 से पहले मई में भी वह अमृतसर में कारतूस सप्लाई कर चुका था। क्योंकि अब खालिस्तानी मूवमेंट को हवा मिली और तमाम जगह कार्रवाई राष्ट्रीय एजेंसी कर रही है ऐसे में माना जा रहा परिक्षित नेगी भी जाने-अनजाने पैसों के लालच में इस खलिस्तानी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। हालांकि अभी जांच चल रही है। इस मामले में कोई स्थआनीय अधिकारी या देहरादून पहुंची एनआईए की टीम का कोई सदस्य जानकारी नहीं दे रहा है।
जांच में पाया गया था कि नेगी कारतूसों की सप्लाई कई बार गैर कानूनी ढंग से कर चुका है। अगस्त 2022 से पहले मई में भी वह अमृतसर में कारतूस सप्लाई कर चुका था। क्योंकि अब खालिस्तानी मूवमेंट को हवा मिली और तमाम जगह कार्रवाई राष्ट्रीय एजेंसी कर रही है ऐसे में माना जा रहा परिक्षित नेगी भी जाने-अनजाने पैसों के लालच में इस खलिस्तानी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। हालांकि अभी जांच चल रही है। इस मामले में कोई स्थआनीय अधिकारी या देहरादून पहुंची एनआईए की टीम का कोई सदस्य जानकारी नहीं दे रहा है।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर बाजपुर एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। वहीं देहरादून टर्नर रोड के पास भी एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। यहां पिछले साल कारतूस का मामला सामने आया था। देहरादून के गन डीलर परिक्षित नेगी के गन स्टोर से कारतूस ले जाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने नेगी को गिरफ्तार था जोकि फिलहाल जमानत पर बाहर है।
भारत पर लगाया था हत्या का आरोप
एनआईए ने यह कदम आतंकवादियों और ड्रग्स डीलर्ज के बीच साठगांठ को खत्म करने के मकसद से उठाई है। दरअसल, भारत में बैठे आतंकी मददगार विदेशों में रहे रहे आतंकियों और गैंगस्टरों को हवाला चैनल के माध्यम से हथियार और ड्रग्स की सप्लाई करते हैं।
एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब कनाडा में खलिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि उनकी हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें कनाडाई नागरिक बताते हुए भारत पर हत्या का आरोप लगाया था।
इस दौरान उन्होंने कनाडा से भारतीय राजनयिक को भी बाहर कर दिया। इसके जवाब में भारत ने भी दिल्ली से कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया और कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा भी रोक दी।
जानें कौन है परिक्षित नेगी
पिछले साल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को दो हजार कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। अगस्त में हुई इस कार्रवाई में पता चला कि यह कारतूस देहरादून के गन डीलर से खरीदे गए थे। दिल्ली पुलिस ने पड़ताल की तो यहां रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया। रॉयल गन हाउस पर स्थानीय पुलिस ने भी छापा मारा तो मालूम हुआ कि यह दुकान बीते दो माह से खुली ही नहीं। इस गन हाउस को टर्नर रोड निवासी परिक्षित नेगी चलाता है। प्रशासन ने भी इस दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
Hindustan Global Times, Avtar Singh Bisht, journalist from Uttarakhand
जांच में पाया गया था कि नेगी कारतूसों की सप्लाई कई बार गैर कानूनी ढंग से कर चुका है। अगस्त 2022 से पहले मई में भी वह अमृतसर में कारतूस सप्लाई कर चुका था। क्योंकि अब खालिस्तानी मूवमेंट को हवा मिली और तमाम जगह कार्रवाई राष्ट्रीय एजेंसी कर रही है ऐसे में माना जा रहा परिक्षित नेगी भी जाने-अनजाने पैसों के लालच में इस खलिस्तानी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। हालांकि अभी जांच चल रही है। इस मामले में कोई स्थआनीय अधिकारी या देहरादून पहुंची एनआईए की टीम का कोई सदस्य जानकारी नहीं दे रहा है।
एनआईए की टीम उत्तराखंड की राजधानी में भी एक गन डीलर के यहां पहुंची हैं।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर बाजपुर एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। वहीं देहरादून टर्नर रोड के पास भी एनआईए के छापेमारी की कार्रवाई चल रही है। यहां पिछले साल कारतूस का मामला सामने आया था। देहरादून के गन डीलर परिक्षित नेगी के गन स्टोर से कारतूस ले जाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने नेगी को गिरफ्तार था जोकि फिलहाल जमानत पर बाहर है।
भारत पर लगाया था हत्या का आरोप
एनआईए ने यह कदम आतंकवादियों और ड्रग्स डीलर्ज के बीच साठगांठ को खत्म करने के मकसद से उठाई है। दरअसल, भारत में बैठे आतंकी मददगार विदेशों में रहे रहे आतंकियों और गैंगस्टरों को हवाला चैनल के माध्यम से हथियार और ड्रग्स की सप्लाई करते हैं।
एनआईए ने यह कार्रवाई ऐसे समय की है, जब कनाडा में खलिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हालांकि उनकी हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें कनाडाई नागरिक बताते हुए भारत पर हत्या का आरोप लगाया था।
इस दौरान उन्होंने कनाडा से भारतीय राजनयिक को भी बाहर कर दिया। इसके जवाब में भारत ने भी दिल्ली से कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया और कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा भी रोक दी।
जानें कौन है परिक्षित नेगी
पिछले साल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पांच लोगों को दो हजार कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था। अगस्त में हुई इस कार्रवाई में पता चला कि यह कारतूस देहरादून के गन डीलर से खरीदे गए थे। दिल्ली पुलिस ने पड़ताल की तो यहां रॉयल गन हाउस का नाम सामने आया। रॉयल गन हाउस पर स्थानीय पुलिस ने भी छापा मारा तो मालूम हुआ कि यह दुकान बीते दो माह से खुली ही नहीं। इस गन हाउस को टर्नर रोड निवासी परिक्षित नेगी चलाता है। प्रशासन ने भी इस दुकान का लाइसेंस निरस्त कर दिया था।
Hindustan Global Times Avtar Singh Bisht journalist from Uttarakhand
जांच में पाया गया था कि नेगी कारतूसों की सप्लाई कई बार गैर कानूनी ढंग से कर चुका है। अगस्त 2022 से पहले मई में भी वह अमृतसर में कारतूस सप्लाई कर चुका था। क्योंकि अब खालिस्तानी मूवमेंट को हवा मिली और तमाम जगह कार्रवाई राष्ट्रीय एजेंसी कर रही है ऐसे में माना जा रहा परिक्षित नेगी भी जाने-अनजाने पैसों के लालच में इस खलिस्तानी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। हालांकि अभी जांच चल रही है। इस मामले में कोई स्थआनीय अधिकारी या देहरादून पहुंची एनआईए की टीम का कोई सदस्य जानकारी नहीं दे रहा है।