गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने आज परेड ग्राउंड में आयोजित गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया

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गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिस अधिकारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पदक अलंकरण कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान उत्तराखण्ड सूचना विभाग द्वारा 38वें राष्ट्रीय खेलों से संबंधित झांकी के अलावा महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पर्यटन विभाग, उद्यान विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, उद्योग विभाग एवं संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, योजनाओं तथा नीतियों पर आधारित मनमोहक झाँकियों का भी प्रदर्शन किया गया।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

इस प्रदर्शन में सूचना विभाग की झाँकी को प्रथम, संस्कृत शिक्षा विभाग को द्वितीय तथा शिक्षा विभाग की झाँकी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ, जिन्हें राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

समारोह में सेना की 14वीं डोगरा रेजीमेंट आर्मी, सी0आर0पी0एफ0, आई०टी०बी०पी०, हिमाचल पुलिस, 40वीं वाहिनी पीएसी, 40वीं वाहिनी महिला दल, उत्तराखण्ड होमगार्ड्स, प्रान्तीय रक्षक दल, एन०सी०सी बॉयज, एन०सी०सी गर्ल्स, अश्व दल, पुलिस संचार, अग्निशमन, सी०पी०यू० ने भव्य परेड में प्रतिभाग किया। परेड करने वाली टुकड़ियों में प्रथम स्थान पर सीआरपीएफ, द्वितीय स्थान पर 14वीं डोगरा रेजीमेंट आर्मी और तृतीय स्थान पर 40वीं वाहिनी महिला पीएसी दल रहीं, जिन्हें राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हमने आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारतवर्ष को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। देश की विकास यात्रा में उत्तराखण्ड भी बढ़-चढ़कर योगदान दे रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों और प्रदेशवासियों के परिश्रम से हम न केवल आर्थिक और सामाजिक विकास के नए आयाम छू रहे हैं बल्कि देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों एवं यहां आने वाले पर्यटकों से नौ आग्रह किए थे, सभी प्रदेशवासी इन नौ आग्रहों को नौ संकल्पों में बदलकर एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण में अपना योगदान दें। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से इस वर्ष भी पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ राज्य को विकास और प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 10 अधिकारियों/कर्मचारियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए पदक प्रदान किये गये। इसके साथ ही राज्यपाल उत्कृष्ठ सेवा पदक से राज्य पुलिस बल के 8 अधिकारियों/कर्मचारियों का भी पदक अलंकरण किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहमंत्री भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 के लिए आई.टी.आई काशीपुर पुलिस थाना, ऊधमसिंह नगर को राज्य बेस्ट पुलिस थाना घोषित किया गया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, सांसद नरेश बंसल, सांसद महेन्द्र भट्ट, विधायक खजान दास, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डी.जी.पी. दीपम सेठ, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एसएसपी अजय सिंह सहित पुलिस तथा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि एवं जनसामान्य भी उपस्थित रहे।

ऐसे में कानून व्यवस्था पर सवाल उठने तो लाजिमी हैं. कुछ ऐसा ही उत्तराखंड के रुड़की में हुआ है. यहां खानपुर से पूर्व BJP विधायक प्रणव सिंह चैंपियन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसमें वो वो अपने समर्थकों के साथ मौजूदा विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय में आते हैं और खुद भी फायरिंग करते दिख रहे हैं. उनके साथ आए लोग भी हथियारों से लैस होकर फायरिंग कर रहे हैं. आखिर पूरा माजरा क्‍या था, आइये जानते हैं…

वारदात का समय रविवार को 3 बजकर 30 मिनट का आसपास का है. गनीमत ये रही कि जिस वक्त ये ताबड़तोड़ फायरिंग की जा रही थी उस समय विधायक उमेश मौजूद नहीं थे. आपको बता दें कि इन दोनों पूर्व और वर्तमान विधायक में पहले से जुबानी जंग चली आ रही है. कभी आमने-सामने बेबाक बयानबाजी तो कभी सोशल मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ जुबानी जंग इनकी नफरत को बढ़ाती रही है.

दरअसल, 26 जनवरी को एक तरफ देश गणतंत्र दिवस मना रहा था तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन अपने साथ दर्जन भर से ज्यादा हथियारबंद लोगों के साथ खानपुर के विधायक उमेश के कार्यालय में पहुंच गए. जैसे ही उनकी गाड़ियां विधायक के कार्यालय पर पहुंची पूरी वीडियो को शूट करने के लिए पहले से लोग वहां मौजूद थे. यानी वीडियो बनवाकर धमकी और फायरिंग का प्लान पहले से ही तय था, ताकि सोशल मीडिया में पूर्व विधायक की धमक बरकरार रहे. पहले गालीगलौज शुरू हुई और फिर चली ताबड़तोड़ कई राउंड गोलियां.

कार्यालय में बैठे लोग तो गाड़ियों के पहुंचते ही भागने लगे थे. जहां-तहां गोलियां चल रही थीं और दरवाजे-खिड़कियां-शीशे सब तहस नहस हो गए. बस विधायक नजर नहीं आए, वरना बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी. इस गोलीबारी और ढेरों गालियां देकर पूर्व विधायक वहां से निकल गए. ये सब इतनी जल्दी हुआ कि मौजूदा विधायक के कार्यालय में बीच बचाव और पूर्व विधायक को रोकने वाले भी पिटते नजर आए. कई राउंड गोलियां चलने की खबर पुलिस अधिकारियों को मिली तो हड़कंप मच गया. वहीं ताबड़तोड़ फायरिंग के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगे. विधायक उमेश भी खबर लगते ही मौके पर पहुंचे तो गुस्से से बौखलाए उनकी लाइसेंसी पिस्टल भी बाहर आ गई वो भी उस वक्त जब भारी पुलिसबल मौके पर मौजूद था.

बेकाबू होकर विधायक भी प्रणव सिंह चैंपियन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वहां से जाने की जिद करने लगे और पुलिस अधिकारियों ने जैसे-तैसे उन्हें काबू में किया और समझाकर बिठाया. आनन फानन में मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों तक पहुंची तो तुरंत पूर्व विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू हो गई और कुछ घंटों में ही उन्हें नेहरू कॉलोनी पुलिस ने हिरासत में लेकर हरिद्वार पुलिस को सौंप दिया. पूर्व विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया और रानीपुर पुलिस थाने में उन्हें रखा गया, जहां पर उनसे शुरुआती पूछताछ हुई. चैंपियन को आज रोशनाबाद कोर्ट में पेश किया जाएगा.

वहीं, दूसरी तरफ इस कहानी में जानकारी सामने आई कि विधायक उमेश कुमार पर आरोप लगाकर शिकायत दी गई कि उन्होंने इस वारदात के एक दिन पहले यानि 25 जनवरी को प्रणव सिंह चैंपियन के आवास पर जाकर उनके स्टाफ से मारपीट, गाली गलौज और धमकियां दी थी. इससे नाराज होकर चैंपियन अपने साथियों के साथ विधायक कार्यालय में पहुंचे थे. इसी शिकायत पर वर्तमान विधायक उमेश कुमार को देर रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे भी 25 जनवरी के आरोपों पर पूछताछ की गई थी. दोनों नेताओं की दबंगई की वीडियो वायरल होने के बाद हरिद्वार पुलिस ने पूर्व और वर्तमान विधायक के हथियारों के लाइसेंस कैंसिल करने के आदेश दे दिए हैं और जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है. पुलिस ने इसमें कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया है और वीडियो में फायरिंग करते दिख रहे लोगों की धरपकड़ के लिए टीमें छापेमारी कर रही है.


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