उत्तराखंड के चमोली जिले में उच्च गढ़वाल हिमालय क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब के कपाट संगत के लिए 25 मई को खुलेंगे। शाहाबाद पहुंचे गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब प्रबंधन ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बिंद्रा ने बताया कि यात्रा के लिए पहले जत्थे की रवानगी 22 मई को ऋषिकेश लक्ष्मण झूला मार्ग स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब परिसर से होगी।

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इस धार्मिक आयोजन की शोभा बढ़ाने हेतु गुरुद्वारा ट्रस्ट द्वारा धार्मिक व अन्य सभी वर्गों से जुड़े महानुभावों को भी 22 मई को आमंत्रित किया गया है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

उन्होंने बताया कि यात्रा संबंधित यह निर्णय उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतुरी के साथ बैठक करके लिए गया है। 22 मई को यात्रा की आरंभता पंज प्यारों की अगुवाई में धार्मिक शख्सियतों व संगत के साथ मिल कर की जाएगी। इस यात्रा की समाप्ति 10 अक्तूबर को होगी, जिससे श्रद्धालुओं को करीब पांच महीनों का समय मिलेगा ताकि वे पवित्र तीर्थ स्थल के दर्शन कर सकें। बिंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड के चमोली जिले में 15 हजार 200 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्री हेमकुंट साहिब जी की यात्रा हेतु प्रतिवर्ष बर्फ हटाने की सेवा भारतीय सेना के जवान करते हैं। इस वर्ष भी यात्रा से पहले अप्रैल में भारतीय सेना के जवान इस सेवा को शुरू करेंगे। यह स्थान दुनियाभर में सिख समुदाय के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है।
मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने ध्यान लगाया था और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया था। श्री हेमकुंट साहिब की पावन यात्रा एवं गुरु महाराज के सम्मुख नतमस्तक होने के लिए प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। संगत की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए गुरुद्वारा ट्रस्ट के मुख्य पड़ावों में विश्राम हेतु कमरों व हॉल इत्यादि का भी निर्माण किया गया है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की अन्य सुख-सुविधाओं जैसे लंगर, पानी, डॉक्टरी सहायता आदि का भी विशेष ध्यान रखते हुए ट्रस्ट द्वारा यात्रा की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। बिंद्रा ने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से ट्रस्ट के माध्यम से अपील की है कि झूठी अफवाहों में न आएं, ट्रस्ट गुरुद्वारा से संपर्क करके यात्रा संबंधी जानकारी प्राप्त करें। उत्तराखंड सरकार और ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की है।


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