प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (23 नवंबर, 2024) को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि उसने वोट बैंक हासिल करने के लिए वक्फ बोर्ड का इस्तेमाल किया है।

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पीएम मोदी के इस बयान के क्या है मायने?

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में एनडीए की भारी जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में यह टिप्पणी की। पीएम मोदी ने कहा, “सत्ता की भूख में कांग्रेस परिवार ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को नष्ट कर दिया है।” इसका एक उदाहरण देते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की परवाह नहीं की और 2014 में राजधानी में विधानसभा चुनाव हारने के बाद दिल्ली के आसपास की जमीन वक्फ बोर्ड को सौंप दी। प्रधानमंत्री का यह बयान संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक एक सप्ताह पहले आया है, जहां सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है।

वक्फ विधेयक पर पीएम मोदी ने क्या कहा?

लोकसभा में पेश किए गए इस विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम करने का प्रस्ताव है। इसको लेकर लोकसभा में पिछले सत्र में बहस हुई थी। विपक्ष के भारी विरोध के बाद इसे जेपीसी के पास भेज दिया गया था। इस पर जेपीसी की कई बैठकों के बाद इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी गई है। वक्फ संशोधन विधेयक केंद्र द्वारा मस्जिदों और मुस्लिम बंदोबस्तों से जुड़ी संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए लाया गया था। जहां केंद्र ने इस विधेयक को वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता की दिशा में एक कदम बताया है, वहीं मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों का तर्क है कि यह सरकार को व्यापक अधिकार प्रदान करता है और समुदाय के स्वामित्व वाली संपत्तियों के लिए खतरा पैदा करता है।


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