प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली रवाना होने से पहले जॉर्जटाउन में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीयों को प्रयागराज में शुरू होने जा रहे महाकुंभ-2025 और अयोध्या में श्रीराम मंदिर में दर्शन करने के लिए आने का न्यौता दिया।

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हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

10 वर्षों में भारत बना 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…पिछले एक दशक में भारत की यात्रा स्केल, स्पीड और सस्टेनेबिलिटी की रही है। केवल 10 वर्षों में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और जल्द ही हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हमारे युवाओं ने हमें दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बना दिया है…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत की वृद्धि न केवल प्रेरणादायक रही है बल्कि समावेशी भी रही है। हमारा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा गरीबों को सशक्त बना रहा है। हमने लोगों के लिए 500 मिलियन से अधिक बैंक खाते खोले। हमने इन बैंक खातों को डिजिटल पहचान और मोबाइल से जोड़ा। इससे लोगों को सीधे उनके खातों में सहायता मिली..

भारत-गयाना को 3 चीजें जोड़ती हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…भारत और गुयाना दोनों को अपनी समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व है…हमारे देश दिखा रहे हैं कि सांस्कृतिक विविधता हमारी ताकत है…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारी समानताएं हमारी मित्रता को एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। तीन चीजें, विशेष रूप से भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ती हैं-संस्कृति, भोजन और क्रिकेट…”
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरे आगमन के बाद से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला है, उससे मैं बहुत अभिभूत हूं… राष्ट्रपति अली और उनकी दादी के साथ, हमने एक पेड़ भी लगाया। यह हमारी पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ का एक हिस्सा

राष्ट्रपति इरफान ने कहा-गयाना में भारतीयों का उल्लेखनीय अध्याय

गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कहा, “आज मैं आप सभी का इस सभा में स्वागत करते हुए बहुत गर्व और प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं…गुयाना में भारतीयों की उपस्थिति हमारे देश के इतिहास का एक उल्लेखनीय अध्याय है…कृषि से लेकर व्यापार, शिक्षा से लेकर संस्कृति, खेल से लेकर व्यवसाय तक, भारतीयों ने गुयाना की जीवनशैली को आकार देने में योगदान दिया है। हमारे त्योहारों, व्यंजनों और परंपराओं में स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाली भारतीय संस्कृति की जीवंतता हमारी राष्ट्रीय पहचान का एक अभिन्न अंग बन गई है।”


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