प्रिसटीन रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी का फूटा गुस्सा: लापरवाह बिल्डर सतीश महाजन के खिलाफ प्रदर्शन, CBI जांच की उठी मांग

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रुद्रपुर, 1 जून 2025,शिमला पिस्तौर क्षेत्र स्थित प्रिसटीन रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी में आज उस समय माहौल गरमा गया जब सैकड़ों निवासियों ने वर्षों की उपेक्षा और बिल्डर की लापरवाही के खिलाफ सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। सैम टेक्नोबिल्ड के बिल्डर सतीश महाजन के खिलाफ यह प्रदर्शन सोसाइटी के अध्यक्ष पी. एन. सिंह के नेतृत्व में हुआ, जिसमें करीब 90 परिवारों ने हिस्सा लिया।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट8393021000

चार साल से ठगे जा रहे हैं निवासी

सोसाइटी के निवासियों ने बताया कि वे पिछले चार वर्षों से बिल्डर से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने और सोसाइटी के विधिवत हैंडओवर की मांग कर रहे हैं। बार-बार लिखित शिकायतें, ईमेल, फोन कॉल और विभागीय पत्राचार के बावजूद बिल्डर की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बिल्डर ने सोसाइटी में रहने वाले लोगों के साथ वादाखिलाफी की है, और अब यह मामला विश्वासघात और धोखाधड़ी का रूप ले चुका है।

बुनियादी ढांचे की खस्ताहाली: हादसे को दावत,लिफ्टें जर्जर हालत में हैं, आए दिन बंद हो जाती हैं।

  • सीवर टैंक की निकासी व्यवस्था नहीं है, गंदा पानी टावर की नींव तक जा रहा है — इमारत की संरचनात्मक सुरक्षा खतरे में है।
  • लिफ्ट शाफ्ट में सीवर का पानी जमा हो रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका है।
  • फायर सेफ्टी सिस्टम निष्क्रिय है, टैंक फटा हुआ है — किसी आग लगने की स्थिति में कोई बचाव संभव नहीं।
  • बिजली के तार खुले में बिछे हैं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा खतरा बने हुए हैं।

प्रशासन और विभागों की चुप्पी पर उठे सवाल,प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उन्होंने बिजली विभाग, अग्निशमन विभाग और नगर निगम को पहले ही इस बारे में सूचित किया था। लेकिन आज तक कोई निरीक्षण, नोटिस या कार्रवाई नहीं हुई। यह लापरवाही प्रशासन की मिलीभगत या असंवेदनशीलता को दर्शाती है।

“नियम विरुद्ध काटी गई कॉलोनी”: सरकार को हुआ राजस्व नुकसान

प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रिसटीन कॉलोनी का निर्माण बिना उचित प्राधिकरण की स्वीकृति और सरकारी मानकों के उल्लंघन में हुआ है। इससे न केवल स्थानीय नागरिकों के जीवन और संपत्ति को खतरा है, बल्कि सरकार को राजस्व का भी नुकसान हुआ है। यह सीधा मामला रियल एस्टेट फ्रॉड और आपराधिक विश्वासघात का बनता है।

CBI या AED जांच की मांग

निवासियों और समिति ने यह स्पष्ट रूप से मांग रखी कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच CBI या AED (Anti-Encroachment Department) द्वारा कराई जाए ताकि बिल्डर की वित्तीय अनियमितताएं, निर्माण स्वीकृति की स्थिति और खातों की जांच की जा सके।


प्रमुख मांगें जिन पर होगी संघर्ष की अगली रणनीति तय:सोसाइटी का शीघ्र और विधिवत हैंडओवर

  1. लिफ्ट, सीवर, ड्रेनेज और बिजली व्यवस्था की मरम्मत
  2. फायर सेफ्टी सिस्टम को चालू कराना
  3. खुले बिजली के तारों को सुरक्षित करना
  4. कॉलोनी की कानूनी वैधता की जांच
  5. बिल्डर के खिलाफ FIR और सीबीआई जांच

विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्रमुख लोग:समिति संरक्षक रविंद्र सिंह बिष्ट

  • सचिव राकेश फौजदार
  • कोषाध्यक्ष अंकित अग्रवाल
  • सत्यवीर सिंह, अशोक अवस्थी, प्रियंक भट्ट, राहुल देव सिंह, पंकज अग्रवाल
  • महिला प्रतिनिधि डॉ. दीपाक्षी जोशी, हेमा बिष्ट
    सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि जब तक बिल्डर को जवाबदेह नहीं बनाया जाता और सरकारी मशीनरी कार्रवाई नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

सरकार और प्रशासन से मांग:प्रिसटीन रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी के निवासियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर, एसडीएम किच्छा, और नगर निगम के आयुक्त से अपील की है कि वे इस मामले का संज्ञान लें, फौरन अभियंता टीम भेजें, और बिल्डर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर जांच शुरू कराएं।यह प्रकरण केवल एक सोसाइटी की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डरों की मनमानी, प्रशासन की उदासीनता और आम नागरिकों के शोषण का आईना है। अगर अब भी समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में यह उदाहरण बन जाएगा कि कैसे कानून के नाम पर केवल कागज़ चलते हैं, लेकिन न्याय नहीं मिलता
प्रिसटीन रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी का बिल्डर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन,रुद्रपुर के शिमला पिस्तौर स्थित प्रिसटीन रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी के करीब 90 परिवारों ने बिल्डर सतीश महाजन (सैम टेक्नोबिल्ड) की लापरवाही के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। समिति अध्यक्ष पी.एन. सिंह के नेतृत्व में हुए इस विरोध का मुख्य कारण सोसाइटी के हैंडओवर में देरी और मूलभूत सुविधाओं की बदहाली है। लिफ्टें खराब, सीवर निकासी अव्यवस्थित, फायर सेफ्टी सिस्टम निष्क्रिय और बिजली के खुले तार जैसे गंभीर मुद्दों के चलते निवासियों की सुरक्षा खतरे में है। समिति का कहना है कि कई बार प्रशासन और संबंधित विभागों को सूचित किया गया, पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रदर्शन में संरक्षक रविंद्र सिंह बिष्ट, सचिव राकेश फौजदार समेत कई सदस्य शामिल हुए। निवासियों की मुख्य मांगें हैं–सोसाइटी का विधिवत हैंडओवर, सभी तकनीकी व्यवस्थाओं की मरम्मत और सुरक्षा उपायों की बहाली। प्रदर्शनकारी तब तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं, जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं।



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