रूद्रपुर 06 मई, 2024- जिला मजिस्टेªट उदयराज सिंह ने बताया कि विभिन्न माध्यमों/श्रोतो से ज्ञात हुआ है कि जनपद में फसल कटाई के उपरांत खाली खेतों में गेहूं/धान की बची हुई (अवशेष)/चारा आदि को जलाया जाता है, जिससे जहां एक ओर पर्यावरण/वातावरण प्रदूषित होता है वही बुजुर्गो, छोटे बच्चों के साथ ही आम जनमानस को भी श्वांस सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्मी बढ़ रही है, जिससे आग लगने की सम्भावना भी बढ़ रही है। इसके अतिरिक्त पर्यावरण/वातावरण फैली धुंध से परिवहन में भी काफी दिक्कते आती है। उन्होने बताया कि वर्तमान स्थिति में गेहूॅ/धान की बची हुई अवशेषों भूसा, पराली, पुआल आदि जलाये जाने पर प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक है।जिला मजिस्टेªट ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जनपद में भूसा, पराली, पुआल आदि को खेतों में व अन्य स्थानों पर जलाने पर तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण रूप से 30 जून 2024 तक रोक लगाई है।

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उपरोक्त आदेश का उल्लंघन वर्तमान में प्रवृत्त अन्य कानूनों के प्रासंगिक प्राविधानों व नियमों के तहत अनुमन्य न होने के कारण भा.द.सं. की धारा-188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दण्डनीय है।

  फसल अवशेष या खरपतवार जलाने के मामले में जिलाधिकारी के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद कृषि विभाग ने फसल कटाई के बाद खेतों में बचे हुए अवशेष और खरपतवार जलाने पर रोक लगा दी है। फसल अवशेष या खरपतवार जलाने के मामले में जिलाधिकारी के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद कृषि विभाग ने फसल कटाई के बाद खेतों में बचे हुए अवशेष और खरपतवार जलाने पर रोक लगा दी है।

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सचिव कृषि ने आदेश में सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए किसानों को जागरूक किया जाए। मुख्य कृषि अधिकारी के माध्यम से खेतों में फसलों के अवशेष जलाने की निगरानी की जाएगी।

कृषि सचिव ने कृषि विभाग के समस्त जनपदीय तथा क्षेत्रीय कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि कृषकों को फसल कटाई के उपरांत अवशेष-पराली प्रबंधन के लिए यथा संभव प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। कृषकों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी कृषक फसल अवशेष-पराली न जलाए।

मुख्य कृषि अधिकारी जनपद में इस प्रकार के प्रकरणों की निगरानी करेंगे। यदि फसल अवशेष-पराली जलाने की घटना होती है तो जिलाधिकारी के माध्यम से संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही कराया सुनिश्चित करें।


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