मौके पर पहुंचे विधायक शिव अरोरा ने कार्रवाई का विरोध किया और पुलिस से धक्का -मुक्की शुरू हो गई। इसी बीच पथराव में महतोष निवासी लोडर चालक अशोक घायल हो गया, जिसे आनन-फानन पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। भारी हंगामे के बीच पुलिस ने विरोध कर रहे उपद्रवियों को हल्का बल प्रयोग कर हिरासत में लिया।
यह है पूरा मामला
भगवानपुर कोलियाड़ा में एनएच-74 से लगे 46 परिवार कई वर्षों से यहां अतिक्रमण कर रह रहे हैं। यह जमीन लोक निर्माण विभाग की है, जिसको खाली कराए जाने के लिए काफी समय से कार्रवाई चल रही थी।
हाईकोर्ट की तरफ से अतिक्रमण को हटाए जाने के आदेश दिए गए थे। आदेश का अनुपालन करने के लिए डीएम उदयराज सिंह के निर्देश पर तहसीलदार दिनेश कुटौला मय दो थानों, पीएसी बल के साथ मौके पर जाकर अतिक्रमण हटाने गुरुवार को पहुंचे थे।
इसी बीच सूचना पर पहुंचे पीड़ित परिवारों की पैरवी करते हुए विधायक शिव अरोरा ने अतिक्रमण कर रह रहे परिवारों के लिए पुनर्वास करने की मांग डीएम उदयराज सिंह के सामने फोन पर रखी।
डीएम की तरफ से क्या आश्वासन मिला यह नहीं पता लगा, लेकिन विधायक वहां से यह कहकर चले गए कि डीएम से बात करने जा रहा हूं। तीन दिन का समय मांगा कि तब तक यह परिवार अपना सामान आदि हटा लेंगे।
अचानक होने लगा पथराव
करीब डेढ़ घंटे बाद लोडर जब अतिक्रमण तोड़ रहा था कि अचानक हंगामे के बीच पथराव होने लगा। एक पत्थर लोडर चालक महतोष निवासी संतोष के सिर पर आकर लगा और वह गिर पड़ा, जिसके बाद भगदड़ मच गई।
इसी बीच हंगामे व विरोध के बीच पहुंचे विधायक शिव अरोरा ने कार्रवाई का विरोध किया तो पुलिस से धक्का-मुक्की हो गई, जिससे आक्रोशित विधायक लोडर के सामने लेट गए, जिससे स्थिति कुछ देर के लिए असहज हो गई।
हंगामा बढ़ता गया तो भीड़ के बीच कुछ उपद्रवियों ने माहौल को खराब करने का काम किया। इस पर पुलिस ने लाठी पटक कर खदेड़ा और कई को हिरासत में लेकर कार्रवाई की है।
बता दें कि मामले में हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाए जाने में शिथिलता अब तक बरतने को लेकर डीएम व लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को भी आड़े हाथों लिया है। इसमें दोनों अधिकारियों को हाई कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया है।
माहौल को भांप न पाया प्रशासन
अतिक्रमण हटाने पहुंची तहसील व लोक निर्माण विभाग की टीमें विरोध के इस रणनीति को भांप नहीं सकीं। हमेशा शांत रहकर बात रखने वाले विधायक शिव अरोरा ने सुबह जब वार्ता हो रही थी तो तहसीलदार दिनेश कुटौला व लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ओमपाल सिंह से उन्होंने कार्रवाई से पहले तीन दिन का समय अतिक्रमणकारी परिवारों को देने का अनुरोध किया।
विधायक ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन जरूर किया जाए, लेकिन इन परिवारों को कहीं पुनर्वासित करने की रणनीति बना ली जाए। डीएम से भी फोन पर बात करने के बाद विधायक चले गए थे। इसके बाद क्या रणनीति बदली कि वह दोबारा जा पहुंचे और हंगामा हो गया।