पिछले करीब डेढ़ साल से सिविल लाइंस थाने में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाला सिपाही संतोष रविवार को लाइन हाजिर हो गया। वह एक अन्य सिपाही के साथ उत्तराखंड के रुद्रपुर में साइबर ठगी संबंधित एक मामले की जांच करने बिना अनुमति गया था।

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     इतना ही नहीं, उसने वहीं से काल करके थाने के इंस्पेक्टर क्राइम को भी बुला लिया था। मामला संज्ञान आने पर इंस्पेक्टर ने एसएसपी को जानकारी दी।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर 8393021000

एसएसपी ने जांच के बाद की कार्रवाई

एसएसपी ने जांच के बाद तीनों को लाइन हाजिर कर दिया। सिविल लाइंस थाने का सिपाही संतोष गंगवार साइबर ठगी से जुड़े मामले देखता था। वह खुद को साइबर एक्सपर्ट बताता था। इसके चलते थाना प्रभारी समेत अन्य अधिकारी भी उस पर विश्वास करते थे। वह करीब डेढ़ साल से इसी कार्य में लगा था। इस बीच उस पर कई बार लेन देने करने के आरोप लगे। एक बार तो खुद सदर विधायक ने उससे पीड़ित को रुपये वापस दिलाए थे।

ठगी के मामले में होनी थी कार्रवाई

बीते माह थाने में शहर के एक व्यापारी की शिकायत आई। जिसमें 18 लाख रुपये की ठगी हुई थी। इसी मामले की जांच में सिपाही संतोष लगा था। वह थाने के अन्य सिपाहियों को भी ले लेता था। इसके अलावा प्राइवेट स्टाफ रखने की भी चर्चा कई बार सामने आई। बताते है कि व्यापारी की ठगी मामले की जांच करते हुए उसे उत्तराखंड के रुद्रपुर में किसी व्यक्ति को उठाना था।

वह थाने के सिपाही अभिलाश शर्मा को साथ लेकर बिना किसी अधिकारी की अनुमति के रुद्रपुर पहुंच गया। इस बीच थाने के इंस्पेक्टर क्राइम नरेश कुमार भी किसी मामले में बाहर गए थे। सिपाही ने रुद्रपुर से ही काल कर इंस्पेक्टर क्राइम को भी वहीं बुला लिया। इसके चलते वह तीनों बिना अनुमति के तीन दिन गैरहाजिर रहे। इसकी जानकारी जब इंस्पेक्टर को हुई तो उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की।

सीओ की जांच में हुआ खुलासा

एसएसपी ने सीओ उझानी शक्ति सिंह से जांच कराई। जांच में इंस्पेक्टर क्राइम नरेश कुमार, सिपाही संतोष और अभिलाष शर्मा तीनों दोषी पाए गए। एसएसपी डा. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि तीनों को लाइन हाजिर कर दिया है। विभागीय जांच भी शुरू करा दी है। जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सबको मैनेज रखता था

सिपाही पर एसएसपी द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद अब कई बातें सामने आ रही हैं। बताते हैं कि वह पहली बार बिना अनुमति के जिले से बाहर नहीं गया था। थाने में ड्यूटी लगाने वाले कर्मियों से ऐसी सांठगांठ रखता कि वह जब चाहे आ जा सकता था। जांच कराई जाए तो पता चलेगा कि वह हर दिन जिले से बाहर जाता था। वह आए दिन बरेली जाता था। उसके साथ एक विशेष टीम का सिपाही भी आता जाता था।


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