मेट्रोपोलिस सिटी में आज गणेश उत्सव का तीसरा दिन, मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधम सिंह नगर डॉक्टर मंजूनाथ टीसी ने सपरिवार प्रतिभाग किया, अपने संबोधन में (M R W A )एम आर डब्ल्यू ए के द्वारा किए जा रहे गणेश उत्सव की भूरि भूरि प्रशंसा की, उन्होंने अपने संबोधन में कहा इस तरह की धार्मिक आयोजन होते रहने चाहिए, गणेश गणपति प्रथम आराध्य गणपति महोत्सव में पहुंचकर मैं खुद को गोरविंत महसूस कर रहा हूं। मंच के माध्यम से अपने संबोधन में एम आर डब्ल्यू ए के द्वारा समाज हित में चुस्त दुरुस्त सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा की, तत्पश्चात सांस्कृतिक प्रोग्राम में प्रतिभाग कर रहे बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया , मुख्य अतिथि के रूप में पूरे कार्यक्रम का लुफ्त उठाया। गणेश महोत्सव की पूरी टीम MRWA दिन रात गणेश उत्सव की तैयारी में लगी है, प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को बुलाकर किया जा रहा है भव्य सम्मान, नन्हे मुन्ने बच्चे संस्कृत झलकियां पेश कर अलग छटा बिखेर रहे हैं, मेट्रोपोलिस के भक्तिमय माहौल का असर पूरे रुद्रपुर शहर में पढ़ रहा है, हर तरफ मेट्रोपोलिस गणेश उत्सव की चर्चा, प्रतिदिन किया जा रहा है विशाल भंडारा, भक्ताजन उठा रहे हैं लजीज भंडारे का लुफ्त, गणेश उत्सव में मुख्य रूप से आज मंच का शानदार संचालन कर रहे बी एल चोमवाल, अध्यक्ष देवेंद्र शाही, उपाध्यक्ष विक्रांत फुटेला ,कोषाध्यक्ष डॉ वीरपाल ,सचिन सुनील शुक्ला, बसंत बल्लभ पंत, अनीता पंत , बृजेश तिवारी, विनय दुबे, दिलीप सिंह, जीवन सिंह खाती, गिरीश तड़ियाल। शकुंतला तड़ियल, मोहनी बिष्ट, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अवतार सिंह बिष्ट, नीरज गुप्ता, आदि लोगों कि गरिमामय उपस्थिति रही ।।।गणेश चतुर्थी उत्सव 2023 : गणेशजी ने कितनी बार जन्म लिया, कितने हैं उनके अवतार?भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर भगवान गणेशजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। परंतु पुराणों के अनुसार उन्होंने तो कई जन्म लिए थे तो फिर क्या सभी जन्मों में उन्होंने चतुर्थी को ही जन्म लिया था क्या? पूरी जानकारी हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स के साथ श्रवण करें

Spread the love

(मुख्य अतिथि डॉक्टर मंजूनाथ टीसी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधम सिंह नगर )मेट्रोपोलिस सिटी गणेश महोत्सव 2023,) गणेशजी ने कितनी बार जन्म लिया या कहें कि कितने हैं उनके अवतार?

  • अष्ट विनायक की भी प्रसिद्धि है। माना जाता है कि गणेशजी का प्रथम नाम विनायक है।
  • गणपति आदिदेव हैं जिन्होंने हर युग में अलग अवतार लिया।
  • धर्मशात्रों के अनुसार गणपति ने 64 अवतार लिए, लेकिन 12 अवतार प्रख्यात माने जाते हैं जिसकी पूजा की जाती है।
  • यह भी कहा जाता है कि गणेशजी के हर अवतार का रंग भी अलग ही था।
  • परंतु शिवपुराण के अनुसार गणेशजी के शरीर का मुख्य रंग लाल तथा हरा है।
  • इसमें लाल रंग शक्ति और हरा रंग समृद्ध‍ि का प्रतीक माना जाता है।
  • इसका आशय है कि जहां गणेशजी हैं, वहां शक्ति और समृद्ध‍ि दोनों का वास है।
  • गणेशजी सतयुग में सिंह, त्रेता में मयूर, द्वापर में मूषक और कलिकाल में घोड़े पर सवार बताए जाते हैं।
  1. गणेशजी ने सतयुग में कश्यप व अदिति के यहां महोत्कट विनायक नाम से जन्म लेकर देवांतक और नरांतक का वध किया था। त्रेतायुग में उन्होंने उमा के गर्भ से जन्म लिया और उनका नाम गुणेश रखा गया। सिंधु नामक दैत्य का विनाश करने के बाद वे मयुरेश्वर नाम से विख्‍यात हुए।
  2. द्वापर में माता पार्वती के यहां पुन: जन्म लिया और वे गणेश कहलाए।

    ऋषि पराशर ने उनका पालन पोषण किया और उन्होंने वेदव्यास के विनय करने पर सशर्त महाभारत लिखी।
  3. कहते हैं कि द्वापर युग में वे ऋषि पराशर के यहां गजमुख नाम से जन्मे थे। उनका वाहन मूषक था, जो कि अपने पूर्व जन्म में एक गंधर्व था।
  4. इस गंधर्व ने सौभरि ऋषि की पत्नी पर कुदृष्टि डाली थी जिसके चलते इसको मूषक योनि में रहने का श्राप मिला था। इस मूषक का नाम डिंक है।
  • कहते हैं कि श्रीगणेशजी कलियुग के अंत में अवतार लेंगे। इस युग में उनका नाम धूम्रवर्ण या शूर्पकर्ण होगा। वे देवदत्त नाम के नीले रंग के घोड़े पर चारभुजा से युक्त होकर सवार होंगे और उनके हाथ में खड्ग होगा। वे अपनी सेना के द्वारा पापियों का नाश करेंगे और सतयुग का सूत्रपात करेंगे। इस दौरान वे कल्कि अवतार का साथ देंगे।

Spread the love