वेतन न मिलने से अतिथि शिक्षकों की आर्थिकी पर छाया संकट।*

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उत्तराखंड में बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि अतिथि टीचर को ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश का वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण उत्तराखंड के बहुत से जनपदों में गेस्ट टीचर ने बोर्ड एग्जाम में ड्यूटी करने में असमर्थता जताई है ,उन्होंने अधिकारीयों से पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि उनके पास वेतन न मिलने के कारण आने जाने का खर्च न हो पाने के कारण ड्यूटी करने में असमर्थ हैं,अतः उनकी बोर्ड एग्जाम में ड्यूटी ना लगाई जाय। इसे दुर्भाग ही कहा जायेगा कि एक तरफ तो दिल्ली चुनाव के दौरान देश के आदरणीय प्रधानमंत्री जी दिल्ली में गेस्ट टीचर और उनके शोषण पर भाषण देते हैं।परन्तु उन्हें अपनी पार्टी के शासित राज्य में,जहाँ पर गेस्ट टीचर दुर्गम से अति दुर्गम में सेवाएं दे रहें हैं,वहां पर शोषण नहीं दिख रहा है। यह हाल तब हैं जब लगातार इस प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री उनके वेतन बढ़ाने और पद सुरक्षित करने की बात करते हैं,लगातार आश्वासन देते हैं ,परन्तु सच्चाई ये है कि उनका वेतन भी काटा जा रहा है। जो कि आज तक लगातार मिलता आ रहा था। 36 दिनों का वेतन न मिलने से उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में तैनात अतिथि शिक्षकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड में अतिथि शिक्षकों के पास बोर्ड एग्जाम ड्यूटी के लिए अन्य विद्यालयों में आने-जाने, रहने का किराया एवं अपने परिवार का व्यय चलाने के लिए खर्च नहीं है, जिस कारण अतिथि शिक्षक निराशा एवं हताशा से भर चुके हैं। आज दिनांक 18/02/2025 को जोशीमठ विकासखंड के अति दुर्गम क्षेत्र उर्गम के अतिथि शिक्षकों ने सरकार से पिछले 36 दिन का मानदेय भुगतान करने की गुहार लगाई है। विकट परिस्थितियों में रहना जहां पर रात्रि में तापमान 0 डिग्री से नीचे चला जाता है, ऐसे स्थानों में रहना और बच्चों को पढ़ाना बिना वेतन के बेहद दुष्कर कार्य हो गया है। वर्तमान में बोर्ड परीक्षाओं हेतु परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा ड्यूटी करना बिना मानदेय के अत्यधिक कष्टप्रद हो चुका है। विद्यालय के 10 अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से गुहार लगाई है कि मामले का संज्ञान लेकर संपूर्ण विकासखंड जोशीमठ एवं अन्य सभी विकासखंड के जनवरी माह का वेतन शीघ्र देने की मांग की है। अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड शासन से इस समाचार के माध्यम से अपील की है कि तत्काल पूरे उत्तराखंड के अतिथि शिक्षकों का मानदेय देने की कृपा करें जिससे कि सभी शिक्षक समय से परीक्षा ड्यूटी व शिक्षण कार्य को पूर्ण संपन्न कर सकें। इस अवसर पर विद्यालय के अतिथि शिक्षक श्री भगत लसियाल, हरेंद्र नेगी, जयदीप रावत, चंद्रप्रकाश डिमरी, प्रियंका पवार, लक्ष्मी आर्य, पंकज बंडवाल, प्रदीप कुमार आदि सम्मिलित थे। आज से विधान सभा सत्र भी शुरू हो रहा है,गेस्ट टीचर्स ने सरकार और विपक्ष के माननीय विधायकों से गुहार लगाई है कि हमें सिर्फ चुनावी मुद्दा ना बनाएं, कुछ सदन में भी हमारी सिफारिश सरकार से कर दे ताकि हमारा भविष्य तो सुरक्षित जब होगा तब होगा,वर्तमान में जो मिल रहा था,ताकि वही मिलता रहे। ऐसी आशाएं हमें हैं कि हमारे माननीय विधायक हमारा साथ देंगे। और इस शोषण के खिलाफ सदन में मुद्दा उठाएंगे।

प्रेस विज्ञप्ति

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)


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