उत्तराखंड में बर्फबारी का दौर जारी है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. त्यूणी-चकराता-मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 30 किलोमीटर तक बर्फ की मोटी परत जम गई है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई. धारनाधार से कोटी कनासर तक मार्ग बर्फ से ढका हुआ है.

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दिल्ली के दो पर्यटक भी इस मार्ग पर फंसे हुए हैं और स्थानीय होटल में ठहरे हुए हैं. हालांकि, बर्फ हटने के बाद ही वे वापस लौट पाएंगे.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

यातायात बहाल करने के प्रयास जारी

आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग से बर्फ हटाने के लिए एनएच के अधिकारी लगातार प्रयासरत हैं. जेसीबी और स्नो कटर मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन जेसीबी के फिसलने के कारण बर्फ साफ करने में दिक्कत आ रही है. मार्ग पर बर्फ होने के कारण वाहन फिसल रहे हैं, जिससे सफर खतरे से भरा हुआ है. एनएच के अधिशासी अभियंता नवनीत पांडेय ने बताया कि धारनाधार से कोटी कनासर तक यातायात जल्द ही सुचारू करने की कोशिश जारी है.

बर्फबारी से किसान खुश, हारुल नृत्य से मनाया जश्न

बर्फबारी ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है. चकराता क्षेत्र में किसानों ने बर्फबारी का स्वागत हारुल नृत्य के साथ किया. किसानों का कहना है कि दिसंबर में हुई बर्फबारी माघ मरोज पर्व के लिए शुभ संकेत है और यह सेब, आड़ू और खुमानी की बागवानी के लिए भी लाभदायक है.

पर्यटन को बढ़ावा, व्यवसाय में उम्मीद

इसके अलावा आपको बता दें कि क्रिसमस और नववर्ष के दौरान पर्यटकों के आने से स्थानीय व्यवसायियों को अच्छे व्यापार की उम्मीद है. कालसी, चकराता और साहिया में होटल, रिसॉर्ट और होम स्टे में बुकिंग बढ़ने की संभावना है. कोटी कनासर, लोखंडी, देववन जैसे क्षेत्र बर्फ से ढके हुए हैं, जिससे यहां का दृश्य बेहद आकर्षक हो गया है.


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