दो एसपी, दो सीओ, एक इंस्पेक्टर, दो चौकी इंचार्ज व एसओजी इंचार्ज मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पा रहे। 18 सितंबर को हाई कोर्ट ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था। इससे पहले हाई कोर्ट ने सशर्त उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई और अल्मोड़ा कोतवाली में नियमित उपस्थिति दर्ज कराने को कहा था।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर
बोरा ने शुरुआत के पांच दिन हाई कोर्ट ने निर्देश का पालन किया। 17 से उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। 18 सितंबर से वह अंडरग्राउंड हो गया। इसी दिन शाम से नैनीताल पुलिस उसकी तलाश में संभावित ठिकानो पर दबिश देने लगी।
बोरा भीमताल में आराम फरमा रहा था। कार पर सवार होकर भीमताल से हल्द्वानी होते हुए किच्छा के पुलभट्टा पहुंच गया। जहां से वह नेपाल भागने की फिराक में था। कार से उतरकर भागने की सूचना पर पुलिस ने ऊधम सिंह नगर में घेराबंदी की और नेपाल बार्डर तक निगरानी बढ़ाई। अकेला बोरा सबको दौड़ने में सफल हो गया है।
पुलिस ने बोरा के हमदर्दों का पता लगाने के लिए खुफिया तंत्र को भी लगा रखा है। बोरा प्रकरण में खुफिया तंत्र भी अहम जानकारी नहीं जुटा पा रहा है। पूरे घटनाक्रम ने कई अधिकारियों व कर्मचारियों की काबिलियत की परीक्षा लेना शुरू कर दिया है।
बहरहाल, अधिकारियों से लेकर सिपाही तक के सामने बोरा को पकड़ने की बड़ी चुनौती है। दिलचस्प यह होगा कि आखिर पुलिस उसे कब पकड़कर सलाखों के पीछे भेज पाती है।
300 लोगों से पूछताछ
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बोरा की गिरफ्तारी के लिए 300 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। सर्विलांस टीम एक्टिव मोड पर है। बोरा मोबाइल का प्रयोग नहीं कर रहा है।
वाट्सएप काल पर हुई परिवहन अधिकारी से बात
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुकेश बोरा व परिवहन विभाग के अधिकारी के बीच बात वाट्सएप काल पर हुई। परिवहन विभाग के अधिकारी के मोबाइल को जब्त कर पुलिस इंटरनेट प्रोटोकाल डिटेल रिकार्ड से उसका पता लगाने की कोशिश कर रही है। इससे यह पता चलेगा कि नेट का प्रयोग कहां हुआ है।
दिल्ली पहुंचने की आशंका
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुकेश बोरा के दिल्ली पहुंचने की आशंका है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। जबकि बाकी टीमें जिले के अलावा बाहरी राज्यों व जिलों में दबिश दे रही हैं।