मन की बात’ प्रोग्राम के 122वें एपिसोड में लोगों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है, गुस्से से भरा है, लेकिन दृढ़ है।

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आज हर भारतवासी का संकल्प है कि आतंकवाद को खत्म करना है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं द्वारा दिखाई गई बहादुरी ने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है। ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया आत्मविश्वास और उत्साह भरा है। ऑपरेशन सिंदूर ने देश के लोगों को इतना प्रभावित किया है कि कई परिवारों ने इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। बिहार के कटिहार, यूपी के कुशीनगर और कई अन्य शहरों में उस दौरान पैदा हुए बच्चों का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारी सेना ने जिस सटीकता के साथ सीमा पार आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, वह असाधारण है। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं है; यह हमारे संकल्प, साहस और बदलते भारत की तस्वीर है और इस तस्वीर ने पूरे देश को देशभक्ति की भावना से भर दिया है और इसे तिरंगे के रंग में रंग दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘आपने देखा होगा कि देश के कई शहरों, गांवों और छोटे शहरों में तिरंगा यात्राएं निकाली गईं। हजारों लोग तिरंगा थामे, देश की सेनाओं के प्रति सम्मान और आदर प्रकट करने के लिए निकल पड़े। कई शहरों में बड़ी संख्या में युवा नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक बनने के लिए एकत्र हुए। हमने देखा, चंडीगढ़ के वीडियो वायरल हुए।

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे सैनिकों ने आतंक के ठिकानों को नष्ट कर दिया; यह उनका अदम्य साहस था, साथ ही भारत में बने हथियारों, उपकरणों और तकनीक की शक्ति भी थी। इस अभियान के बाद, पूरे देश में ‘वोकल फॉर लोकल’ को लेकर एक नई ऊर्जा दिखाई दे रही है। एक अभिभावक ने कहा, ‘अब हम अपने बच्चों के लिए भारत में बने खिलौने ही खरीदेंगे। देशभक्ति की भावना बचपन से ही शुरू हो जाएगी।’ कुछ परिवारों ने संकल्प लिया है, ‘हम अपनी अगली छुट्टियां देश की किसी खूबसूरत जगह पर बिताएंगे।’ कई युवाओं ने ‘भारत में शादी’ करने का संकल्प लिया है; किसी ने यह भी कहा, ‘अब हम जो भी उपहार देंगे, वह किसी भारतीय कारीगर द्वारा बनाया जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा’अब मैं शेरों से जुड़ी एक अच्छी खबर आपसे साझा करना चाहता हूं। सिर्फ पिछले पांच सालों में, गुजरात के गिर में शेरों की आबादी 674 से बढ़कर 891 हो गई है। शेरों की गणना के बाद सामने आई शेरों की ये संख्या बहुत उत्साहवर्धक है। आप में से बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि ये पशुगणना कैसे होती है! ये बहुत चुनौतीपूर्ण काम है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शेरों की गणना 11 जिलों में, 35 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में की गई थी। गणना के लिए टीमों ने इन इलाकों पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी। इस पूरे अभियान में सत्यापन और क्रॉस सत्यापन दोनों ही किया गया।’ उन्होंने कहा, ‘एशियाई शेरों की आबादी में वृद्धि दर्शाती है कि जब समाज में स्वामित्व की भावना मजबूत होती है, तो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आते हैं। कुछ दशक पहले, गिर में स्थिति बहुत चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन वहां के लोग बदलाव लाने के लिए एकजुट हुए।’


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