
इस वीडियो में कुछ लोगों को एक मस्जिद के पास जाते हुए देखा गया, जहां वे मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों की मांग करते हैं और साफ तौर पर यह दावा करते हैं कि “देवभूमि” में अवैध मस्जिद नहीं बन सकती। यह घटना स्थानीय स्तर पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का कारण बन रही है।




वायरल वीडियो में कुछ लोग एक मस्जिद के पास जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहां पहुंचकर वे मांग करते हैं कि मस्जिद से संबंधित सभी दस्तावेज उन्हें दिखाए जाएं। इसके साथ ही वे स्पष्ट कहते हैं कि यह अवैध भूमि पर बनी है . उत्तराखंड की भूमि, जिसे ‘देवभूमि’ कहा जाता है, में मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी। यह वीडियो सामने आने के बाद से ही स्थानीय और सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा का विषय बन गया है।
इस घटना के बाद स्थानीय मुस्लिम समुदाय में भय और चिंता का माहौल व्याप्त है। उन्होंने इसे धार्मिक असहिष्णुता की ओर इशारा करते हुए प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। वहीं, दूसरी ओर कुछ हिंदू संगठनों ने इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “धार्मिक स्थल बनाने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन होना चाहिए।”
स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और वीडियो की सत्यता की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून को अपने हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी धार्मिक समुदायों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की जाएगी।
इस घटना के बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई है। हालांकि, कई स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों ने दोनों समुदायों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि ऐसी घटनाओं को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए, और किसी भी समस्या का समाधान कानूनी और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।
बेरीनाग की इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक असहिष्णुता और सांप्रदायिक सौहार्द पर सवाल उठाए हैं। प्रशासनिक और कानूनी कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और समाज में शांति बनी रहे। वायरल वीडियो से उत्पन्न विवाद पर अब पूरे राज्य की नजर है, और आगे की कार्रवाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
