
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 1,300 करोड़ रुपये के कथित क्लासरूम घोटाले में की गई. दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने 2022 में कथित घोटाले की जांच की सिफारिश की थी और मुख्य सचिव को एक रिपोर्ट सौंपी थी.


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
क्या है मामला?
यह मामला दिल्ली सरकार द्वारा 12,748 स्कूल कक्षाओं के निर्माण से जुड़ा है. ACB की रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना की लागत लगभग ₹2,892.65 करोड़ आई, जिसे अत्यधिक बढ़ी हुई दरों पर पूरा किया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कक्षाओं का निर्माण ₹8,800 प्रति वर्ग फुट की दर से किया गया, जबकि सामान्य निर्माण लागत ₹1,500 प्रति वर्ग फुट मानी जाती है.
क्या है धारा 17A?
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र के अनुसार, सतर्कता निदेशालय विभाग ने इन मामलों की जांच के लिए अनुरोध किया था. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17A के तहत किसी भी सार्वजनिक अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए पहले से मंजूरी लेना आवश्यक होता है. इसी प्रावधान के तहत गृह मंत्रालय (MHA) ने राष्ट्रपति को सिफारिश भेजी थी, जिसे 11 मार्च को मंजूरी दे दी गई.
BJP नेताओं की शिकायत से शुरू हुई जांच
इस मामले में शिकायत सबसे पहले 2019 में भाजपा नेता हरीश खुराना, कपिल मिश्रा और नीलकंठ बक्शी ने दर्ज कराई थी. आरोप था कि दिल्ली सरकार ने स्कूल कक्षाओं के निर्माण में नियमों का उल्लंघन किया, जिसमें समय से पहले भुगतान और केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की गाइडलाइंस की अनदेखी शामिल थी.
AAP ने कहा, झुकेंगे नहीं
इस जांच को लेकर AAP नेताओं ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है. मनीष सिसोदिया ने कहा, “मेरे और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जितने भी मामले दर्ज करने हैं कर लो, हम भाजपा के सामने नहीं झुकेंगे.” उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, “कल होली है. आपने दिल्ली के परिवारों को जो मुफ़्त सिलेंडर देने का वादा किया था, वो कहां है?”
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “BJP दिल्ली की जनता की समस्याओं को हल करने के बजाय सिर्फ राजनीतिक विरोधियों को दबाने में लगी है. यह पूरा मामला बदले की राजनीति का हिस्सा है.”
मनीष सिसोदिया पहले से ही दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में आरोपी हैं और इस मामले में जेल में हैं. सत्येंद्र जैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रहा है.
