
इन योजनाओं के तहत राज्य सरकार प्रति परिवार को पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क इलाज प्रदान कर रही है। वहीं, स्मार्ट कार्ड योजना के तहत कर्मचारियों को असीमित इलाज की सुविधा मिल रही है, जिसके लिए वे नियमित धनराशि अंशदान करते हैं।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
सरकार पर बढ़ रहा है वित्तीय बोझ
इन योजनाओं की सफलता के बावजूद, प्राधिकरण पर विभिन्न अस्पतालों का करीब 80 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है, जो सरकार के लिए चिंता का कारण बन गया है। इसके मद्देनजर, शासन ने प्राधिकरण से एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
कार्ययोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन योजनाओं को इस तरह से चलाया जाए, जिससे आम जनता और कर्मचारियों का हित प्रभावित न हो और साथ ही सरकार पर अधिक वित्तीय दबाव न पड़े।
शासन की तीन घंटे तक बैठक चली
सरकार की इस दिशा में पहल के तहत अपर मुख्य सचिव वित्त, आनंद बद्र्धन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक हुई, जो तीन घंटे तक चली। इस बैठक में अटल आयुष्मान योजना और स्मार्ट कार्ड योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
बैठक में दिए गए ये खास सुझाव
बैठक में यह सुझाव दिया गया कि इन योजनाओं की निगरानी को सख्त किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या वित्तीय परेशानी उत्पन्न न हो। इसके अलावा, कर्मचारियों द्वारा दिए जाने वाले वित्तीय अंशदान को बढ़ाने की भी बात सामने आई, जिससे योजनाओं के संचालन के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो सके।
बैठक में कई लोग मौजूद रहे
अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को इस दिशा में एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है। इस कार्ययोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की वित्तीय स्थिति पर दबाव न बने और साथ ही आमजन और कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध रहें। बैठक में सचिव वित्त दिलीप जावलकर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
घर बैठे चुटकियों में बंद हो जाएगा आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान कार्ड डिसेबल (बंद) करने के लिए अब लोगों को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्राधिकरण के कार्ड डिसेबल एंड इंप्लीमेंटेशन ई आफिस की शुरुआत कर दी है। जिसके जरिए यह काम अब ऑनलाइन होगा।
