वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाले विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में लाए जाने की संभावना नहीं है, क्योंकि इसकी जांच के लिए गठित संयुक्त समिति अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए विस्तार की मांग कर रही है।

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संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बुधवार को कहा कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की जांच कर रहे पैनल का कार्यकाल बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

विपक्षी सदस्य अधिक हितधारकों की बात सुनने के लिए संयुक्त समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को अपनी मांगों को लेकर समिति की कार्यवाही का बहिष्कार नहीं करना चाहिए।

क्या कहा जगदंबिका पाल ने

जगदंबिका पाल ने कहा, “इन तीन महीनों में हमारी 29 बैठकें हुईं, 147 से अधिक प्रतिनिधिमंडल आए… हमने सभी संगठनों को अवसर दिया है। जेपीसी को यही अधिकार था… अगर उन्हें (विपक्षी सांसदों को) लगता है कि हमें कुछ और लोगों की बात सुनने की जरूरत है – तो बैठक का बहिष्कार करना सही नहीं होगा… मैंने संजय सिंह, कल्याण बनर्जी, असदुद्दीन ओवैसी समेत सभी सदस्यों की बात सुनी है… मेरी राय है कि मैं कल जेपीसी के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए सदन में प्रस्ताव पेश करूंगा।”

जगदंबिका पाल और भाजपा सांसद दिलीप सैकिया वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय को बजट सत्र, 2025 के अंतिम दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव पेश करेंगे। विपक्षी सांसदों ने बुधवार को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक से यह कहते हुए वॉकआउट किया कि समिति ने कई राज्य बोर्डों की बात अनसुनी कर दी है। जगदंबिका पाल ने पहले कहा था कि कुछ सदस्यों ने अन्य हितधारकों को आमंत्रित करने की आवश्यकता के बारे में बात की थी और पैनल का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए।

बढ़ाया जाएगा समिति का कार्यकाल

उन्होंने कहा, “आज निशिकांत दुबे और अन्य सदस्यों ने कहा कि हमें कुछ अन्य हितधारकों, राज्य के अधिकारियों को आमंत्रित करना और उनकी बात सुननी है…इसलिए, हमें लगता है कि हमें कार्यकाल बढ़ाना चाहिए…मैं इस पर विचार करूंगा और फिर हम कल या परसों लोकसभा में एक प्रस्ताव लाएंगे।” उन्होंने कहा, “आज बैठक में हमने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से सवाल पूछे हैं। वे उन सवालों का जवाब देंगे। हमारे कुछ सवाल थे कि दिल्ली में भारत सरकार की 123 संपत्तियां हैं, जो 1911 से हैं…बाद में वक्फ बोर्ड ने उन संपत्तियों पर अपना दावा पेश किया। इसलिए, उस पर स्पष्टीकरण के लिए शहरी विकास मंत्रालय और डीडीए को बुलाना होगा। इसी तरह, ओडिशा, यूपी, एमपी, राजस्थान, बिहार – कुल 6 राज्य – जहां वक्फ द्वारा सरकारी संपत्तियों पर दावा किया जा रहा है।


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