सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का पर्व बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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हालांकि चांद को देखे बिना भी करवा चौथ का व्रत खोला जा सकता है। आसमान पर छाए घने बादल, बारिश या किसी अन्य कारण की वजह से आपको चांद नजर नहीं आता है, तो ऐसी परिस्थिति में भी आप अपनी व्रत खोल सकती हैं। चलिए जानते हैं तीन ऐसे तरीकों के बारे में, जिन्हें अपनाकर चांद को देखे बिना भी करवा चौथ का व्रत खोला जा सकता है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह

2024 में करवा चौथ कब है?

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल चतुर्थी तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, दिन रविवार को रखा जाएगा।

करवा चौथ पर चांद किस समय निकलेगा?

करवा चौथ के दिन देवी-देवताओं की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम में 5 बजकर 46 मिनट से लेकर 7 बजकर 02 मिनट तक है, जबकि व्रत का पारण शाम में 7 बजकर 53 मिनट के बाद करना शुभ रहेगा। दिल्ली और उसके आसपास की जगह में इस बार करवा चौथ के दिन शाम करीब 7 बजकर 44 मिनट पर चांद निकल सकता है।

चांद न निकले, तो कैसे खोलें व्रत?

  • यदि खराब मौसम की वजह से आपके शहर में चांद नहीं दिखाई देता है, तो ऐसी परिस्थिति में आप अपने किसी जानने वाले को कॉल कर सकते हैं, जो किसी अन्य शहर में रहता है। यदि उनके शहर में चांद निकल रहा है, तो वीडियो कॉल के जरिए आप अपने व्रत को खोल सकते हैं। वीडियो कॉल के जरिए व्रत खोलना पॉसिबल नहीं है, तो ऐसे में आप उस दिशा की तरफ मुंह करके व्रत खोल सकते हैं, जहां से चांद निकलता है।
  • आसमान में छाए बादल की वजह से यदि आपको चांद नहीं दिखाई देता है, तो ऐसे में आप भगवान शिव जी के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा की पूजा करने के बाद भी व्रत का पारण कर सकती हैं।
  • करवा चौथ के दिन यदि आसमान में आपको चांद नहीं दिखाई दे रहा है, तो ऐसे में चांद निकलने वाली दिशा की तरफ मंदिर में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़े के ऊपर चावल की मदद से चंद्रमा की आकृति बनाएं। इस दौरान ओम चतुर्थ चंद्राय नमः मंत्र का तीन से पांच बार जाप करें। चंद्रमा की पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें।

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