
बड़े शहरों के उन इलाकों में भूमि की सर्किल दरों में ज्यादा बढ़ोतरी के आसार हैं, जो नए कस्बों का रूप ले रहे हैं।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
पारंपरिक तौर पर वित्त विभाग प्रत्येक वर्ष जनवरी के आसपास सर्किल दरों का निर्धारण करता है, लेकिन शहरी निकायों के चुनाव होने की वजह से सर्किल दरों का फैसला नहीं हो पाया। हालांकि वित्त विभाग ने इस बार पहले से ही कसरत शुरू कर दी थी। विभाग ने जिलाधिकारियों के साथ नई सर्किल दरों पर दो-तीन दौर की बैठकें भी कीं और प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया।
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सचिव वित्त दिलीप जावलकर सर्किल दरों का प्रस्ताव तैयार होने की पुष्टि की है। निकाय चुनाव के बाद अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी प्रस्तावित हैं। माना जा रहा है कि सरकार पंचायत चुनाव से पहले नई सर्किल दरों पर निर्णय ले लेगी। आगामी कैबिनेट बैठक में सर्किल दरों का प्रस्ताव लाए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।
पहाड़ और मैदान के प्रमुख स्थानों पर ज्यादा होगी बढ़ोतरी
जानकारों के अनुसार गढ़वाल में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के आकार लेने के बाद उसके आसपास के इलाकों में सर्किल दरों में इजाफा होगा। पर्वतीय शहरों के अलावा देहरादून, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जिलों में भूमि की सर्किल दरों में खासा इजाफा होना तय है।
