
मई 2023 में शुरू हुई हिंसा आज भी जारी है और राष्ट्रपति शासन लागू होने में 21 महीने लग गए। इस दौरान 250 से ज्यादा लोग मारे गए, शायद 300 से भी अधिक। 5600 से ज्यादा हथियार और 6.5 लाख गोलियां पुलिस के गोदामों से लूट ली गईं। 70 हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए, 1 लाख प्रभावित हुए, और हजारों अब भी राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। गृह मंत्री यहां मौजूद हैं, और यह सब तब हो रहा है जब स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 लोकसभा में पारित
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 रात 1.56 बजे लोकसभा में पारित हुआ। विधेयक पर 1 घंटे 50 मिनट तक वोटिंग चली। विधेयक के समर्थन में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े।
इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से मतदान के बाद कुल 464 वोट दर्ज किए गए। विधेयक के पक्ष में 273 और विरोध में 191 मत पड़े। शुद्धि के बाद स्पीकर ओम बिरला आधिकारिक आंकड़ों का एलान करेंगे।
- इमरान मसूद, प्रेमचंद्रन का एक और संशोधन अस्वीकार। खंड 35 विधेयक का अंग बना।
- खंड 37 से 40 को विधेयक का अंग बनाने के लिए ध्वनिमत से मतदान कराया गया। स्वीकार किया गया।
- ईटी मोहम्मद बशीर का एक और संशोधन अस्वीकार।
- 40ए और 41 भी विधेयक का अंग बना।
- एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश संशोधन संख्या 129 को भी अस्वीकार किया गया।
- खंड 42-44 भी विधेयक का अंग बना।
- रिजिजू ने विधेयक पारित होने का प्रस्ताव रखा।
- ध्वनिमत से मतदान के बाद डिविजन हो रहा है
- ध्वनिमत से स्वीकार होने के बाद खंड 25 से 27 विधेयक का अंग बना।
- इमरान मसूद ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
- खंड 28 विधेयक का अंग बना।
- असदुद्दीन ओवैसी ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकार कर दिया गया।
- एनके प्रेमचंद्रन ने मुतवल्ली को हटाने के संबंध में किए गए प्रावधान से जुड़े संशोधन पेश किए। हालांकि, इसे भी निरस्त कर दिया गया।
- अरविंद सावंत का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- गौरव गोगोई का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त हुआ
- इमरान मसूद ने एक और संशोधन का प्रस्ताव रखा। इसे भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया।
- केसी वेणुगोपाल ने एक और संशोधन का प्रस्ताव रखा। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
- मोहम्मद जावेद का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- इमरान मसूद ने एक और संशोधन पेश किया। ध्वनिमत से अस्वीकार किया गया।
- एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश एक और संशोधन अस्वीकृत
- एनके प्रेमचंद्रन ने एक और संशोधन वापस लिया।
- इसी के साथ खंड 24 विधेयक का अंग बन गया।
- राजेश रंजन का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- अरविंद सावंत का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- केसी वेणुगोपाल की तरफ से प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव को भी ध्वनिमत से अस्वीकृत किया गया।
- मोहम्मद जावेद की तरफ से पेश एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- खंड- 19 और 20 विधेयक का अंग बन गया।
असदुद्दीन ओवैसी ने एक और संशोधन पेश किया। संशोधन संख्या 66-68 को अस्वीकार कर दिया गया। सौगत रॉय ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
खंड 15 विधेयक का अंग बना। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संशोधन प्रस्ताव संख्या 111 पेश किया। इसे भी ध्वनिमत से स्वीकार किया गया। रिजिजू ने संशोधन संख्या 112 पेश किया। इसे भी स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद खंड 15-ए संशोधन के बाद विधेयक का अंग बन गया।
- इमरान मसूद ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया, इसे भी ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया
- कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया। इसे भी ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया।
- मोहम्मद जावेद का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त
- संशोधनों पर मतदान के बाद खंड 13-14 विधेयक का अंग बना
- इमरान मसूद का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- मोहम्मद जावेद का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त
- सौगत रॉय ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया- अस्वीकार
- के राधाकृष्णन का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकार
- बिहार से निर्वाचित राजेश रंजन ने वापस लिया संशोधन प्रस्ताव
- एनके प्रेमचंद्रन का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- सौगत रॉय का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त
- के राधाकृष्णन ने एक और संशोधन प्रस्ताव पेश किया, अस्वीकृत
- अरविंद सावंत का एक और संधोधन प्रस्ताव खारिज हुआ
- गौरव गोगोई का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोक सभा में वोटिंग चल रही है। सरकार के संशोधन प्रस्ताव पर मतदान के बाद विपक्ष के प्रस्ताव पर मतदान कराया गया। जिसमें अधिकांश संशोधन वोटिंग के दौरान खारिज कर दिए गए। कुल 439 वोट दर्ज किए गए। जिसमें पक्ष में 196 और विपक्ष में 243 वोट पड़े।
केसी वेणुगोपाल ने एक और संशोधन पेश किया, इसे भी ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। मोहम्मद जावेद का संशोधन भी अस्वीकार किया गया।
हैदराबाद से निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक और संशोधन अस्वीकार हुआ। एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश एक और संशोधन खारिज हुआ। सौगत रॉय का एक और संशोधन अस्वीकृत हुआ।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने भी संशोधन पेश किया। इसे ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया। के सुधाकरन की तरफ से पेश एक अन्य संशोधन खारिज हुआ। बिहार से निर्वाचित सांसद राजेश रंजन की तरफ से पेश संशोधन भी स्वीकार नहीं किया गया।
अरविंद सावंत ने अपना दूसरा संसोधन पेश किया, हालांकि इसे अस्वीकार कर दिया गया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के एक और संशोधन को निरस्त किया गया। इमरान मसूद का एक और संशोधन निरस्त किया गया।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोक सभा में वोटिंग चल रही है। विपक्ष के कई संशोधन वोटिंग के दौरान गिर चुके हैं।
केरल से निर्वाचित कांग्रेस सांसद के सुधाकरन की तरफ से पेश संशोधन को भी अस्वीकार कर दिया गया। केरल के ही ईटी मोहम्मद बशीर का संशोधन भी अस्वीकार किया गया। के राधाकृष्णन का संशोधन भी अस्वीकार हुआ। संशोधनों पर ध्वनिमत से मतदान कराया गया। अधिकांश को स्वीकार नहीं किया गया।
जम्मू कश्मीर से निर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद आगा रुहुल्लाह मेहदी की तरफ से पेश संशोधन खारिज हुआ। एनके प्रेमचंद्रन का एक और संशोधन निरस्त हुआ। तृणमूल सांसद सौगत राय का संशोधन भी अस्वीकृत हुआ।
वोटिंग के दौरान एनके प्रेमचंद्रन का संशोधन अस्वीकृत कर दिया गया। वहीं, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने संशोधन वापस लिया। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, इमरान मसूद की तरफ से पेश संशोधन भी खारिज हुआ। साथ ही कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, मोहम्मद जावेद का संशोधन भी अस्वीकृत हुआ। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से पेश संशोधन भी निरस्त किया गया।
प्रस्ताव पर वोटिंग के पक्ष में पड़े 288 वोट
लोक सभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर मतदान के प्रस्ताव पर वोटिंग के पक्ष में 288 वोट पड़े। वहीं, विरोध में 232 सांसदों ने अपना मत दिया। अब संशोधन पर मतदान हो रहा है।
वक्फ संशोधन बिल 2025 पर मतदान प्रक्रिया जारी
वक्फ संसोधन विधेयक पर 11 घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा में बिल पर मतदान प्रक्रिया जारी है। कुल 390 वोट दर्ज हुए। स्पीकर की ओर से विधेयक पर घोषणा का इंतजार है।
विधेयक असांविधानिक होता तो अदालत रद्द कर देती: रिजिजू
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, मैं सभी नेताओं का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने विधेयक पर अपनी राय रखी। कुछ नेता कह रहे हैं कि यह विधेयक असांविधानिक है, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वे ऐसा कैसे कह सकते हैं? अगर यह असांविधानिक होता, तो अदालत इसे रद्द कर देती। असांविधानिक जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह विधेयक संविधान के खिलाफ नहीं है, जैसाकि विपक्ष दावा कर रहा है। हमें सांविधानिक और असांविधानिक शब्दों का शब्दों को हल्के में उपयोग नहीं करना चाहिए।
इसके बाद उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, असदुद्दीन ओवैसी ने कई मुद्दे उठाए और आरोप लगाया कि मुसलमानों और मुसलमानों के बच्चों के लिए वक्फ में प्रावधान किया जा रहा है, लेकिन हिंदुओं के लिए क्यों नहीं? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हिंदुओं के लिए पहले से ही प्रावधान मौजूद है, इसके लिए कोई नया कानून बनाने की जरूरत नहीं है।
वक्फ संशोधन बिल 2025 पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए लोकसभा सांसद और वक्फ बिल पर जेपीसी के चेयरमैन रहे जगदम्बिका पाल का कहना है कि उन्हें जेपीसी का प्रमुख बनाए जाने पर खुशी हुई और उन्होंने पार्टी को धन्यवाद दिया। जगदंबिका पाल ने कहा- सच्चर कमेटी इन्होंने बनाई है, सच्चर कमेटी की सिफारिशों की चिंता नहीं हुई। हम सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू कर रहे हैं। इस दौरान जगदम्बिका पाल ने एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी पर वक्फ संशोधन बिल को फाड़ने के लिए उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओवैसी ने बिल को असंवैधानिक कहा, लेकिन बिल को फाड़ना असंवैधानिक कार्य है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार ने जेपीसी द्वारा दिए गए सभी सुझावों को मान लिया है।
वक्फ बिल के विरोध में बोलते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक पंक्ति के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ये विधेयक भारत के मुसलमानों के इबादत पर हमला है। केंद्र सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ एक जंग छेड़ दिया है। और ये जंग मेरे ऊपर है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये अनुच्छेद 25, 26 का उल्लंघन है। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बिल मुस्लिमों के साथ अन्याय है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इसका मकसद मुसलमानों को जलील करना है। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं।
