चीन के नए वायरस ने फिर दुनिया को संकट में डाल दिया है। चीन के कई पड़ोसी देशों के बाद हाल ही में भारत में HMPV वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। अब तक बच्चों में 7 केस सामने आए हैं।

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HMPV कैसे फैलता है और किसे ज्यादा खतरा है? HMPV मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली श्वसन बूंदों (Respiratory Droplets) से फैलता है। यह वायरस सतहों पर थोड़े समय तक जीवित रह सकता है, इसलिए हाथों की सफाई बेहद जरूरी है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

जो सबसे ज्यादा खतरे में छोटे बच्चे (खासकर नवजात और छोटे बच्चे) गर्भवती महिलाएं बुजुर्ग (65 वर्ष से अधिक) कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग गर्भवती महिलाओं में यह वायरस मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर डाल सकता है।

HMPV के लक्षण: HMPV के लक्षण अन्य सामान्य श्वसन संक्रमण जैसे होते हैं, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। इसके मुख्य लक्षण हैं:

  • खांसी
  • बुखार
  • नाक बंद या बहना
  • गले में खराश
  • सांस लेने में कठिनाई
  • गंभीर मामलों में हो सकते हैं:
  • ब्रोंकियोलाइटिस (छोटे वायुमार्गों में सूजन)
  • ब्रोंकाइटिस (बड़ी वायुमार्गों में सूजन)
  • निमोनिया
  • अस्थमा या COPD के लक्षण बढ़ना
  • कान के संक्रमण

HMPV का इलाज कैसे करें व उपचार के सामान्य तरीके HMPV का कोई खास एंटीवायरल इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसके लिए लक्षणों को कम करने पर ध्यान दिया जाता है।

  • आराम और पानी पीना: शरीर को ठीक होने में मदद करता है।
  • ओवर-द-काउंटर दवाइयां: बुखार और दर्द कम करने के लिए पैरासिटामोल या आइबूप्रोफेन लें।
  • नमकीन पानी के गरारे: गले की खराश के लिए फायदेमंद।
  • भाप और ह्यूमिडिफायर का उपयोग: सांस लेना आसान बनाता है।
  • ऑक्सीजन थेरेपी: गंभीर मामलों में।
  • ब्रोंकोडायलेटर्स: अगर सांस लेने में दिक्कत हो तो।

ऊपरी श्वसन प्रणाली (Upper Respiratory System) का महत्व ऊपरी श्वसन प्रणाली में नाक, नासिका गुहा, साइनस, गला और लेरिंक्स शामिल हैं। यह प्रणाली सांस लेने और हवा को साफ करने का काम करती है। इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह सुनिश्चित करना है कि आप जो हवा सांस लेते हैं, वह फेफड़ों तक शुद्ध, गर्म और नम होकर पहुंचे।

ऊपरी श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने के 10 घरेलू उपाय

1. तुलसी का सेवन तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी के पत्तों का सेवन करें या इसे चाय में मिलाकर पीएं।

2. अदरक का काढ़ा अदरक में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। इसे पानी में उबालकर थोड़ा शहद मिलाकर पीएं।

3. हल्दी वाला दूध हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीएं।

4. भाप लें नाक और गले को साफ रखने के लिए भाप लेना फायदेमंद है। पानी में नीलगिरी का तेल मिलाकर भाप लें।

5. शहद और काली मिर्च शहद और काली मिर्च का मिश्रण गले की समस्याओं के लिए फायदेमंद है। इसे सुबह-शाम खाएं।

6. आंवला और शहद आंवले में विटामिन-C की भरपूर मात्रा होती है। रोजाना एक चम्मच आंवला पाउडर में शहद मिलाकर खाएं।

7. लहसुन का सेवन लहसुन में ऐंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसे खाने में शामिल करें या खाली पेट 1-2 कली लहसुन खाएं।

8. नमक पानी से गरारे करें गले की सूजन और संक्रमण से बचने के लिए गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें।

9. ग्रीन टी का सेवन ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। इसे दिन में 2-3 बार पीएं।

10. संतुलित आहार लें फलों, हरी सब्जियों, और सूखे मेवों को डाइट में शामिल करें। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा।

विशेष सुझाव

  • – रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
  • – पर्याप्त नींद लें और तनाव को दूर रखें।
  • – बाहर निकलने पर मास्क पहनें और बार-बार हाथ धोएं।

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