हरिद्वार की जेल से फरार बंदी को जगाधरी स्थित काली माता मंदिर के निकट बने एक मकान से दबोच लिया है। बंदी की गिरफ्तारी पर उत्तराखंड पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था।

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पुलिस ने बताया कि फरार होने के बाद बंदी सीधे यमुनानगर पहुंचे थे। एक बंदी रामकुमार यहां पर वेश बदल कर रह रहा था। जबकि, दूसरा दो दिन पहले ही यहां से चला गया था।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

शहर थाना जगाधरी एसएचओ नरेंद्र सिंह ने बताया कि 11 अक्तूबर को हरिद्वार जेल में रामलीला मंचन के दौरान सीढ़ी लगाकर दो बंदी रुड़की के गोलभट्टा निवासी 28 वर्षीय पंकज और उत्तर प्रदेश के जिला गोंडा धौनीपुर के उज्जारी ढिबा निवासी 24 वर्षीय रामकुमार फरार हो गए थे। इनकी गिरफ्तारी पर उत्तराखंड पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। शुक्रवार दोपहर को जगाधरी शहर थाना पुलिस को इनपुट मिला था कि रामकुमार जगाधरी स्थित एक मकान में रह रहा है। सूचना मिलने के बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ घेराबंदी कर काली माता मंदिर के पास स्थित मकान से बंदी रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में रामकुमार ने बताया कि वह हरिद्वार की जेल में बंद था। 11 अक्तूबर को जेल में चल रही रामलीला में सभी व्यस्त हो गए थे। उसी का फायदा उठाकर वह एक अन्य बंदी पंकज के साथ सीढ़ी लगाकर जेल से भाग गया था। जेल से फरार होने के बाद वह सीधे यमुनानगर आ गया था। यमुनानगर पुलिस ने इसकी सूचना उत्तराखंड पुलिस को दी है।

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22 फीट ऊंची दीवार फांद हुए थे फरार
11 अक्तूबर को हरिद्वार जेल में दशहरा महोत्सव को लेकर रामलीला का मंचन चल रहा था। मंचन खत्म होने के बाद जब कैदियों को बैरक में शिफ्ट किया जाने लगा तो दो कैदी नदारद मिले। इससे जेल में अफरातफरी मच गई थी। जेल प्रशासन की टीम को परिसर के अंतिम छोर पर दीवार के नीचे सीढ़ी गिरी हुई मिली थी। जेल प्रशासन ने सिडकुल पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी दी। दोनों के खिलाफ थाना सिडकुल में मुकदमा दर्ज किया गया था। उत्तराखंड पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। इस प्रकरण में प्रभारी जेलर समेत छह कर्मचारियों को निलंबित किया गया था।

अपहरण के मामले में जेल गया था रामकुमार
पूछताछ में अभियुक्त रामकुमार ने बताया कि उसने हरिद्वार के एक व्यक्ति का अपहरण का फिरौती मांगी थी। जिसका मुकदमा हरिद्वार शहर थाने में दर्ज किया गया था। पुलिस ने रामकुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

हाथ पर लिखे नाम से हुई शिनाख्त
रामकुमार काफी शातिर अपराधी है। फरार होने के बाद उसने अपने हुलिए को पूरी तरह से बदल लिया था। बाल और दाढ़ी कटवा ली थी। जिससे उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। यमुनानगर पुलिस ने गिरफ्तार कर जब उसका फोटो हरिद्वार पुलिस को भेजी तो हरिद्वार पुलिस भी उसे नहीं पहचान पाई। बाद में पता चला कि रामकुमार के हाथ पर रामकुमार-हिमानी नाम लिखा है। इसी नाम से उसकी शिनाख्त हुई।

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