केंद्रीय बजट में किए गए प्रावधान उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे।

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उत्तराखंड में एमएसएमई उद्योग क्षेत्र का तेजी से हो रहा विस्तार

राज्य में एमएसएमई उद्योग क्षेत्र का तेजी से विस्तार हो रहा है। राज्य गठन के समय प्रदेश में कुल 14.16 हजार एमएसएमई पंजीकृत थे और इनसे 38.50 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ था। इसमें कुल 700 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश था। समय के साथ इनकी संख्या बढ़ने लगी।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड

यदि मार्च 2024 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में कुल 84755 एमएसएमई व 329 वृहद उद्योग पंजीकृत हैं। इनसे 5.39 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिल रहा है और इनमें 37 हजार करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश हुआ है।

एमएसएमई क्षेत्र को हैं सरकार से काफी उम्मीदें

एमएसएमई ऐसा क्षेत्र है, जिससे सरकार को काफी उम्मीदें हैं। केंद्रीय बजट ने सरकार की इन उम्मीदों को पंख लगाने का काम किया है। विशेष रूप से बिना गारंटी ऋण योजना और मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने से उद्यमियों को अपने उद्योग को विस्तार देने में भी मदद मिलेगा।

वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद हुए करार भी होंगे लाभान्वित

केंद्रीय बजट में किए गए प्रविधानों से उन निवेशकों को खासा लाभ मिलेगा, जिन्होंने निवेशक सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड में उद्योग स्थापित करने में रुचि दिखाई है। इससे इन उद्योगों के जल्द धरातल पर उतरने की उम्मीद जगने लगी हैं। इनसे रोजगार के नए अवसर भी युवाओं को प्राप्त होंगे।

उत्तराखंड को भी इंडस्ट्रीयल पार्क मिलने की उम्मीद

केंद्रीय बजट में 100 नए इंडस्ट्रीयल पार्क स्थापित करने की घोषणा की गई है। प्रदेश को उम्मीद है कि जिस तरह हर बड़ी योजना में उत्तराखंड को कुछ न कुछ मिलता रहा है, तो संभवतया कम से कम एक इंडस्ट्रीयल पार्क उसे मिलेगा।

यह एक समावेशी बजट है। इसमें सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है। उद्योगों के लिए बिना गारंटी ऋण और मुद्रा लोन की सीमा बढ़ने से उद्यमियों को बड़ी मदद मिलेगी। युवाओं के कौशल विकास कार्यक्रमों में उद्योगों को प्रशिक्षित कामगार मिल सकेंगे।

-विजय सिंह तोमर, प्रांतीय महामंत्री, लघु भारती, उत्तराखंड।

यह एक अच्छा बजट है। बजट में एमएसएमई के लिए, विशेषकर विनिर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड की स्थापना की बात कही गई है। इससे छोटे उद्यमियों की ऋण की दिक्कतें दूर होगी, वहीं संकट में आने वाले उद्योगों को भी क्रेडिट सपोर्ट मिलने से उद्योगों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

-पंकज गुप्ता, अध्यक्ष इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड।

प्रदेश में बीते 10 वर्ष में यूं पकड़ी उद्योग ने रफ्तार


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