अपने पहाड़-मैदान बयान को लेकर घिरे उत्तराखंड के संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को रविवार को प्रदेश भाजपा ने तलब किया सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली प्रयोग करने की कड़ी हिदायत दी.

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य पार्टी मुख्यालय में अग्रवाल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री, संगठन, अजेय कुमार से मुलाकात की और पिछले कुछ दिनों से उन्हें लेकर विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट किया.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

बाद में भट्ट ने बताया कि बैठक के दौरान अग्रवाल से कहा गया कि तमाम गलतफहमी या अन्य कारणों से राज्य में जिस तरह का माहौल खड़ा हुआ है, वह उचित नहीं है और पार्टी उनसे शब्दों के सही चयन और संयमित व्यवहार की अपेक्षा करती है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने ताकीद की है कि राजनीतिक क्षेत्र का कोई भी कार्यकर्ता हो या जनप्रतिनिधि, सबको संयम रखना होगा.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मंत्री ने बताया है कि जो कुछ सामने आ रहा है, ऐसा उनका भावार्थ दूर-दूर तक नहीं था. फिर भी यदि गाली वाला शब्द है तो वह उनके वक्तव्य से पहले का है और न ही वह पहाड़ या मैदान को लेकर है.’

भट्ट ने कहा कि मंत्री पहले ही इस पूरे मुद्दे पर खेद जता चुके हैं और आज भी पार्टी के सम्मुख उन्होंने माफी मांगी. उन्होंने कहा कि मंत्री ने खेद प्रकट करते हुए स्पष्ट किया है कि भविष्य में वह शब्दों के चयन में विशेष ध्यान रखेंगे.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘मंत्री का जन्म भी उत्तराखंड में हुआ है. वह पुराने कार्यकर्ता, राष्ट्रवादी विचारों से जुड़े और आंदोलनकारी रहे हैं.’

भट्ट ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से देवभूमि के सौहार्द पर चोट पहुंचाई जा रही है और उस पर अंकुश लगना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘इस सबके लिए कोई एक व्यक्ति दोषी नहीं है. आज सोशल मीडिया में जिस प्रकार से तमाम टिप्पणी लिखी जा रही है, उन्हें उचित नहीं ठहराया जा सकता है. राज्य का सद्भाव बनाए रखना हरेक प्रदेश वासी का नैतिक कर्तव्य है.’

इस विवाद पर पार्टी का रूख स्पष्ट करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड सबका है और इसका सद्भाव बनाए रखना हम सबका दायित्व है.

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, खासकर कुछ राजनीतिक लोग माहौल खराब कर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ये वही लोग हैं जो देवभूमि के अंदर एकता को पसंद नहीं करते हैं.’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि उत्तराखंड सबका है. यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘प्रदेश में अलग-अलग अंचल हैं, अलग-अलग स्थान हैं और सभी मिल-जुलकर राज्य को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.’

राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट की टिप्पणी पर अग्रवाल भड़क गए थे और उन्होंने कहा था कि क्या हमने इसी दिन के लिए आंदोलन कर उत्तराखंड मांगा था कि पहाड़ी और देसी (मैदानी) को लेकर टिप्पणियां की जाएं. इस दौरान उनके मुंह से एक अपशब्द भी निकल गया था.

मंत्री के बयान को लेकर पूरे प्रदेश में सियासी पारा गर्म हो गया और कांग्रेस तथा कुछ अन्य संगठनों ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकाले जाने की मांग करते हुए उनके पुतले फूंके. इसके बाद मंत्री ने अपने बयान के लिए खेद भी जताया.

भाजपा ने कहा है कि राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड सबका है और उसका सद्भाव बनाए रखना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। इसी क्रम में प्रदेश नेतृत्व ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली प्रयोग करने की हिदायत दी है। वहीं सभी से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से होने वाली अनर्गल बयानबाजी पर अंकुश लगाने की अपील की हैं।

पार्टी मुख्यालय में रविवार को संसदीय कार्य मंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उनके सम्मुख कुछ दिन से उनको लेकर चल रहे विवाद पर अपना पक्ष स्पष्ट किया।

इस बैठक की जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया कि विधानसभा के अंदर कार्यवाही के संबंध में बतौर संसदीय कार्य मंत्री से बातचीत हुई है। इस दौरान उन्हें कहा गया है कि तमाम गलतफहमी या अन्य कारणों से राज्य में जिस तरह का माहौल खड़ा हुआ है, वह उचित नहीं है। पार्टी सही शब्दों के चयन और संयमित व्यवहार की अपेक्षा करती है। इस दौरान मंत्री ने बताया कि जो कुछ सामने आ रहा है ऐसा मेरा भावार्थ दूर-दूर तक नहीं था।

श्री भट्ट ने कहा कि मंत्री प्रेमचंद ने इस पूरे मुद्दे पर पहले भी खेद जताया है और आज भी पार्टी के सम्मुख माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मंत्री प्रेमचंद का जन्म भी उत्तराखंड में हुआ है, पुराने कार्यकर्ता है, राष्ट्रवादी विचारों से जुड़े और आंदोलनकारी रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मंत्री ने खेद प्रकट करते हुए स्पष्ट किया है कि भविष्य में वह शब्दों के चयन में विशेष ध्यान रखेंगे। इस दौरान पार्टी ने कहा है कि राजनीतिक क्षेत्र का कोई भी कार्यकर्ता हो या जनप्रतिनिधि सबको संयम रखना होगा। लेकिन जिस प्रकार यह विषय समाज के बीच में दुष्प्रचार के रूप में आया है। पार्टी ने उसे गंभीरता से लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए हैं।

उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अब इस प्रकार का माहौल बिगाड़ने की कोशिशों पर लगाम लगनी चाहिए। क्योंकि इसी तरह एक पक्ष बोलेगा, फिर दूसरा प्रतिक्रिया देगा तो राज्य का माहौल खराब होगा। उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी अपील की कि जिस तरह सोशल मीडिया के माध्यम से देवभूमि का सौहार्द पर चोट पहुंचाई जा रही है उस पर अंकुश लगना चाहिए।

उन्होंने इस पूरे विवाद पर पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि उत्तराखंड सबका है और इसका सद्भाव बनाए रखना हम सबका दायित्व है। कुछ लोग इसे खराब कर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। विशेषकर राजनीतिक लोगों के बयान सामने आ रहे हैं वह बेहद गैरजिम्मेदाराना हैं।


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