उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है. ये फटकार सीएम द्वारा राज्य के वन मंत्री और अन्य की राय की अनदेखी करते हुए एक विवादास्पद आईएफएस अधिकारी को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक नियुक्त करने के कदम पर लगाई गई है.

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    सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के सीएम धामी को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कोई ‘सामंती युग’ नहीं है जब राजा जो कहता था, वही करना पड़ता था. जस्टिस बीआर गवई, पीके मिश्रा और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि सरकारों के प्रमुखों से “पुराने दिनों के राजा” होने की उम्मीद नहीं की जा सकती और “हम सामंती युग में नहीं हैं.’ हालांकि, राज्य सरकार ने पीठ को बताया कि नियुक्ति आदेश 3 सितंबर को वापस ले लिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में सीईसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि श्री राहुल का राजाजी टाइगर रिजर्व में तबादला तब हुआ जब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में निदेशक रहते हुए पेड़ों की अवैध कटाई और अनधिकृत निर्माण में उनकी भूमिका जांच के दायरे में थी. कार्बेट और राजाजी दोनों रिजर्व शिवालिक बाघ परिदृश्य और महत्वपूर्ण वन्यजीव संरक्षण क्षेत्रों का हिस्सा हैं. श्री राहुल के तबादले के आदेश के बारे में अधिवक्ता अभिजय नेगी द्वारा दायर की गई शिकायत पर सीईसी ने कार्रवाई की थी.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

अफसरों को निशाना बनाया जा रहा- सरकार

कोर्ट में पीठ ने सवाल किया कि सीएम को अधिकारी से खास लगाव क्यों है, यह देखते हुए कि उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई लंबित है. इस पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता एएनएस नादकर्णी ने कहा कि अधिकारी को निशाना बनाया जा रहा है. वहीं इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कि नोटिंग में कहा गया था कि अधिकारी को राजजी टाइगर रिजर्व में तैनात नहीं किया जाना चाहिए. इस पर अदालत ने कहा की मुख्यमंत्री बस अनदेखा कर रहे हैं.


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