त्रिदिवसीय किताब कौतिक” का आज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन हुआ। बीटीकेआइटी एंव अन्य विद्यालयों के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सराहनीय प्रस्तुति दी।

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“बिपिन त्रिपाठी विचार मंच एवं क्रिएटिव उत्तराखंड” के तत्वावधान में आयोजित द्वाराहाट में “त्रिदिवसीय किताब कौतिक” का आज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन हुआ। बीटीकेआइटी एंव अन्य विद्यालयों के बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सराहनीय प्रस्तुति दी।

इससे पहले द्वाराहाट किताब कौतिक में विगत रात्रि त्रिभुवन गिरी जी महाराज की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। जिसमें कुमांऊ, गढ़वाल, दिल्ली,लखनऊ आदि विभिन्न नगरों से पहुंचे 32 कवियों व 7 कवित्रियों ने प्रतिभाग किया। काब्य गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चंद्र पंत जी द्वारा किया गया।

आज तीसरे व अन्तिम दिन पक्षी अवलोकन, पंरपरागत औषधियों की जानकारी, अंगदान और देहदान पर पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डा० ललित उप्रेती, मानस खण्ड नये संदर्भ पर डा० हेमा उनियाल, सोशल मीडिया और वर्तमान पत्रकारिता पर पंकज बिष्ट, भूपेन जोशी आदि ने व्याख्यान दिए। इसके अतिरिक्त बच्चों की चित्रकला, कविता पाठ तथा फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं सहित विद्यालयों के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। वहीं प्रसिद्ध लोक गायक दीवान सिंह कनवाल ने यो डाना को पारा देखीं छौ न्यारा न्यारा, जब तू ऐ जैं छै ऐ जैं छै बहारा सहित लोगों की फरमाइश पर कई गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने को मजबूर कर दिया।

पद्मश्री डा.यशोधर मठपाल जी, माननीय काशी सिंह ऐरी जी, कुमाउँनी रामायण के रचयिता डा० बिशनदत्त जोशी जी ने इस आयोजन में सम्मिलित होकर अपना बहुमूल्य समय दिया इसके लिए आपका हार्दिक आभार!

तहे दिल से आयोजक मंडल के सभी सदस्यों का हार्दिक आभार व् भविष्य के लिए शुभकामनाये के साथ ये अपेक्षा है कि द्वाराहाट की तरह हर जिले/विकासखंड में नौनिहालों के लिए इस तरह के रचनात्मक और बौद्धिक विकास का आयोजन हो जिसमें सर्व जन की भागीदारी हो! इस तरह के आयोजन के लिए हर संभव सहयोग के लिए तत्पर रहूंगा!
जय उत्तराखंड!


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