उत्तराखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को बताया कि हरिद्वार जिले के खानपुर विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को दिए गए सरकारी आवासों के आवंटन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।

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न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकल पीठ ने रूड़की में हाल में चैंपियन और कुमार के बीच हुई घटना पर स्वत: संज्ञान लिया था तथा कहा था कि ‘देवभूमि में बाहुबल का प्रदर्शन शर्मनाक और अक्षम्य’ है।प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)पीठ ने सरकार से इस मामले पर जवाब दाखिल करने को कहा था।सरकार ने अदालत को पूर्व विधायक चैंपियन और वर्तमान विधायक कुमार के खिलाफ लंबित आपराधिक कार्रवाइयों से अवगत कराया।इससे पहले, अदालत में अभियोजन अधिकारी के आचरण पर भी सवाल उठाए गए क्योंकि प्रक्रिया के अनुसार, अदालत को आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी थी।सरकार ने अदालत को बताया कि प्रदेश के सिंचाई विभाग ने मौजूदा और पूर्व विधायक को हरिद्वार में उपलब्ध कराए गए आवासों के आवंटन को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।अदालत को यह भी सूचित किया गया कि चैंपियन को आवंटित सरकारी आवास का मासिक किराया 9209 रुपये है जबकि मौजूदा विधायक को उपलब्ध कराए गए आवास का किराया 1693 रुपये प्रति माह है।हालांकि, हरिद्वार क्षेत्र के एक वकील ने अदालत को बताया कि उनके आवासों का किराया कम से कम 70 हजार रुपये प्रतिमाह होना चाहिए।सरकार ने उच्च न्यायालय को यह भी बताया कि दोनों जनप्रतिनिधियों को दी गयी सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया है।चैंपियन 26 जनवरी को अपने समर्थकों के साथ कुमार के रूड़की स्थित कैंप कार्यालय पहुंचे थे और वहां मौजूद लोगों को कथित रूप से अपशब्द कहते हुए कई गोलियां चलायीं थीं।इस घटना की सूचना मिलते ही कुमार भी बंदूक लेकर चैंपियन के कार्यालय पहुंचे और उन्हें ललकारा था।


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