
इस बीच ईरानी संसद में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पास होने से हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि अब इस प्रस्ताव पर सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई अंतिम निर्णय लेंगे। सुप्रीम लीडर की मुहर के बाद होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया जाएगा और इससे पूरी दुनिया का प्रभावित होना तय है। आइए अब आपको बताते हैं होर्मुज जलडमरूमध्य क्या है?


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
क्या है होर्मुज जलडमरूमध्य?
बताया जाता है कि ईरान और ओमान के बीच स्थित जलमार्ग का नाम होर्मुज जलडमरूमध्य है। ये फारस की खाड़ी को दक्षिण में ओमान की खाड़ी से जोड़ता है और अरब सागर तक फैला हुआ है। होर्मुज जलडमरूमध्य लगभग 161 किलोमीटर लंबा और अपने सबसे संकरे बिंदु पर 33 किलोमीटर चौड़ा है, जबकि शिपिंग लेन दोनों दिशाओं में सिर्फ़ तीन किलोमीटर चौड़ी हैं। यह जलडमरूमध्य दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल के टैंकरों के लिए पर्याप्त गहरा है और इसका उपयोग पश्चिम एशिया के प्रमुख तेल और गैस उत्पादकों और उनके ग्राहकों द्वारा किया जाता है। माना जाता है कि अगर ईरान ने इस जलमार्ग को बंद कर दिया तो वैश्विक तेज आपूर्ति और कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है। भारत जैसे कई तेल आयातक देशों पर इसका बड़ा असर होगा।
ईरानी कमांडर इस्माइल कोसरी ने दी धमकी
बता दें कि ईरान लंबे समय से होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दे रहा है। ईरान के प्रेस टीवी ने रविवार को कहा कि ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के बारे में अंतिम निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि संसद ने कथित तौर पर ‘बंद’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ईरानी सांसद और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर इस्माइल कोसरी ने मीडिया से कहा कि ऐसा करना एजेंडे में है और ‘जब भी आवश्यक होगा, ऐसा किया जाएगा। कमांडर ने साफ कर दिया है अगर उन पर हमले तेज होते हैं तो जलडमरूमध्य को बंद कर दिया जाएगा।
चीन समेत इन देशों पर पड़ेगा असर
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जलडमरूमध्य मार्ग को सऊदी अरब, इराक, यूएई, कतर, ईरान और कुवैत तेल निर्यात के लिए उपयोग करते हैं। इस मार्ग से पूरी दुनिया में तेल भेजा जाता है। एशिया के अधिकतर देशों में इसी मार्ग से तेल का निर्यात होता है। इसमें भारत और चीन भी शामिल हैं। अगर ईरान इस जलडमरूमध्य मार्ग को बंद कर देता है चीन समेत पूरे एशिया को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भारत पर कितना होग असर
भारत इस जलडमरूमध्य से रोज लगभग 20 लाख बैरल कच्चा तेल आयात करता है। यह भारत के कुल 55 लाख बैरल प्रतिदिन के आयात का हिस्सा है। होर्मुज के बंद होने का भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा। भारत ने रूस, अमेरिका और ब्राजील से तेल निर्यात कर सकता है। लेकिन खाड़ी देशों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा रकम भारत को खर्च करनी पड़ेगी। जिसका असर तेल की कीमतों पर पड़ेगा। इसी तरह
