1 से 8 तक के स्कूल बंद
उधर, भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए रुद्रपुर के डीएम उदयराज सिंह ने कल (शुक्रवार 13 अगस्त) ऊधमसिंह नगर जिले में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले में भी कल स्कूल बंद रहेंगे। उत्तरकाशी में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने शुक्रवार (13 सितंबर) को जिले के कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी, गैर सरकारी, निजी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया है। मौसम विभाग की ओर से जारी बारिश के अलर्ट के बाद जिलाधिकारी देहरादून ने भी स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 12 से 14 सितंबर तक उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, इसके साथ ही कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया, प्रदेश के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में भी दो दिन भारी से भारी बारिश होने के आसार हैं। हालांकि 14 सितंबर को बारिश हल्की हो जाएगी।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर 8393021000
सभी जिलों में कल स्कूल रहेंगे बंद
मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार 13 सितंबर को भारी से भारी बारिश की चेतावनी के चलते प्रदेश के सभी जिलों में शुक्रवार को स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया है। जिला प्रशासनों ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर 12वीं तक के सभी तरह के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है।
प्रदेश में 168 मार्ग बंद
उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से 168 मार्ग बंद हैं। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, बार्डर रोड से लेकर ग्रामीण मोटर मार्ग शामिल हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग के अनुसार, बाढ़ और बारिश से अब तक 50 पुलों को नुकसान पहुंचा है। 15 पुल क्षतिग्रस्त, 35 पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हैं।
हाईवे के न खुलने पर पुलिस प्रशासन की ओर से वाहनोें की आवाजाही नंदप्रयाग-सैकोट-कोठियालसैंण सड़क से करवाई गई, जिसके बाद श्रद्धालु अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। बदरीनाथ हाईवे पर्थाडीप में बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। यहां करीब 250 मीटर हिस्से में पहाड़ी से भूस्खलन और भूधंसाव हो रहा है।
बृहस्पतिवार को बारिश के बीच सुबह करीब पांच बजे पर्थाडीप में हाईवे पर मलबा आने से वाहनोें की आवाजाही रुक गई। पहाड़ी से पत्थरों के गिरने से सुबह आठ बजे तक जेसीबी से मलबा हटाने का काम भी शुरू नहीं हो पाया। सुबह दस बजे बारिश धीमी होने पर मलबा हटाने का काम शुरू हुआ। जिसके बाद पूर्वाह्न करीब 11 बजे तक हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया। इसके अलावा भूस्खलन क्षेत्र छिनका, गुलाबकोटी, पागलनाला और पाताल गंगा में भी मलबा आने से कुछ देर के लिए वाहनों की आवाजाही रुकी रही।
एक घंटे बाधित रहा मलारी हाईवे
ज्योतिर्मठ। चीन सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाला ज्योतिर्मठ-मलारी हाईवे बृहस्पतिवार को लाता गांव के समीप करीब एक घंटे तक बाधित रहा। यहां पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर हाईवे पर आने से सुबह करीब आठ बजे हाईवे के दोनों ओर से सेना, आईटीबीपी और स्थानीय लोगों के वाहनों की आवाजाही रुक गई। हाईवे बंद होने की सूचना पर बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की जेसीबी मशीन से मलबा हटाने का काम शुरू हुआ। करीब एक घंटे बाद सुबह नौ बजे हाईवे को सुचारु कर लिया गया।
सुनला और कमेड़ा में बंद रहा हाईवे, कई वाहन हैं फंसे
बारिश से सिमली-ग्वालदम-अल्मोड़ा हाईवे सुनला में और बदरीनाथ हाईवे कमेड़ा में बंद रहा। ऐसे में यहां 100 से अधिक वाहन फंसे रहे। सुनला में अल्मोड़ा हाईवे दोपहर तक नहीं खुल पाया जबकि कमेड़ा में हाईवे खुलने के बाद फिर बंद हो गया। देर शाम तक हाईवे खोला नहीं जा सका।
थराली के सिमली-ग्वालदम हाईवे सहित 8 ग्रामीण सड़कें बंद होने से लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। बारिश से पहाड़ी से भूस्खलन होने से हाईवे सुनला में तड़के तीन बजे से बंद हो गया। यहां सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है और इस कारण दोनों तरफ 100 से अधिक वाहन फंसे हैं। पैदल रास्ता न होने के कारण नहीं जा पा रहे हैं। भारी मात्रा में मिट्टी के साथ पानी आने से यहां पर दलदल बनी है जिससे जेसीबी को भी काम करने में दिक्कतें आ रही हैं। बीआरओ के अवर अभियंता आनंद जंबूलकर ने बताया कि बारिश बंद होगी तो सड़क खोल दी जाएगी। वहीं गौचर में कमेड़ा में मलबा आने से सुबह सात बजे बदरीनाथ हाईवे बंद हो गया।
सुबह आठ बजे एनएचआईडीसीएल ने मशीनों की मदद से आवाजाही सुचारु की। इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे कमेड़ा भूस्खलन जोन पर मलबा आ गया। ढाई बजे यातायात सुचारु किया गया लेकिन शाम को फिर बंद हो गया। दूसरी ओर देवाल की देवाल- खेता सड़क तीसरे दिन भी नहीं खुल पाई। सड़क बंद होने से इस क्षेत्र के 12 गांवों का संपर्क कटा है। मार्ग पर 30 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। जबकि लोहाजंग- कुलिंग-वाण सड़क 23 अगस्त से बंद है। कर्णप्रयाग में सुभाषनगर के पास नैनीताल हाईवे पर लगातार पहाड़ी से पत्थर गिरते रहे।