गेट नंबर सात पर हुआ बवाल
दरअसल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दीपावली उत्सव के उपलक्ष्य में एबीवीपी के राष्ट्रीय कला मंच की ओर से ‘ज्योतिर्मय 2024’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के पास देर शाम रंगोली प्रतियोगिता के साथ दीये सजाने की स्पर्धा चल रही थी।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
आरोप है कि इस बीच दूसरे समुदाय के छात्रों के गुट ने न केवल कार्यक्रम का विरोध किया, बल्कि रंगोली को पैरों से मिटा दिया। इस पर एबीवीपी के छात्रों से उनकी कहासुनी होने लगी।
छात्रों से मारपीट का आरोप
देखते ही देखते दोनों पक्षों के सैकड़ों छात्र इकट्ठा हो गए और हंगामा होने लगा। आरोप है कि इस बीच कार्यक्रम का विरोध कर रहे गुट ने फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे लगाए। छात्रों के साथ मारपीट करने के साथ ही कुछ छात्राओं के साथ अभद्रता भी की। घटना को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी कई वीडियो अपलोड किए गए। झड़प की सूचना पर विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल हरकत में आया और मौके पर पहुंचकर छात्रों को शांत कराया। हालांकि मामले में फिलहाल पुलिस में कोई शिकायत नहीं दी गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर उठाए सवाल, कार्रवाई की मांग
देर रात एबीवीपी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने बयान जारी किया। उनके मुताबिक कार्यक्रम स्थल पर बाहरी उन्मादियों व असामाजिक तत्वों ने ‘फिलिस्तीन जिंदाबाद’ व अन्य उकसाऊ नारे लगाते हुए दीपोत्सव के दीप तोड़ दिए।
रंगोली मिटाई हुए दीपोत्सव में शामिल जामिया के छात्रों से मारपीट की। विश्वविद्यालय प्रशासन हाथ पर हाथ धरे सब देखता रहा। क्या भारत के केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीपावली मनाना या भारत माता की जय के नारे लगाना अपराध है? जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में शांतिपूर्ण कार्यक्रम को हिंसा व कट्टरपंथ की सोच से खराब करने की एबीवीपी कड़ी निंदा करती है।
विश्वविद्यालय परिसर सभी विद्यार्थियों के लिए हैं, जामिया में देशविरोधी व कट्टरपंथी नारे लगाना स्वीकार नहीं है। जामिया प्रशासन व दिल्ली पुलिस से एबीवीपी मांग करती है कि दीपोत्सव के दौरान हिंसा करने वाले कट्टरपंथी व पांथिक उन्मादियों पर कड़ी कार्रवाई हो।