देश में इन दिनों डिजिटल अरेस्ट, साइबर फ्रॉड ऑनलाइन स्कैम की जोरदार चर्चा है। यह चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट का मुद्दा उठाने के बाद शुरू हुई है।

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इस बहस के बीच ही एक नये ऑनलाइन स्कैम के लोग शिकार हो गए हैं। इसका नाम Hibox ‘इन्वेस्टमेंट’ स्कैम है। इस ऑनलाइन स्कैम में भारत के लोग 1000 करोड़ रुपए गंवा चुके हैं। इन लोगों को साइबर धोखेबाजों ने उनके द्वारा इन्वेस्टमेंट करने पर मोटे रिटर्न का ऑफर दिया था।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

इस एप्लीकेशन को सोशल मीडिया और यूट्यूब पर काफी पॉपुलर इन्फ्लुएंसर्स ने प्रमोट किया था लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि धोखाधड़ी का शिकार हुए लोग दिल्ली पुलिस के पास पहुंच गए हैं और पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कुछ इन्फ्लुएंसर्स को जांच के लिए बुला लिया है। ऐसे इन्फ्लुएंसर्स में एल्विश यादव और भारती सिंह का नाम भी शामिल है।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि Hibox ‘इन्वेस्टमेंट’ स्कैम में 30 हजार से ज्यादा लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है।

आईएफएसओ कर रही जांच

Hibox ‘इन्वेस्टमेंट’ स्कैम की जांच इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) के द्वारा की जा रही है। आईएफएसओ दिल्ली पुलिस की एक शाखा है जो साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को देखती है। इस मामले में दिल्ली पुलिस को सैकड़ों शिकायत मिली हैं और दिल्ली के अलग-अलग जिलों में इसे लेकर FIR भी दर्ज की गई हैं।

आइए, समझते हैं कि Hibox ‘इन्वेस्टमेंट’ स्कैम क्या है?

Hibox ‘इन्वेस्टमेंट’ स्कैम में Hibox ऐप के जरिये निवेश कराया गया था। धोखेबाजों ने लोगों से बड़ा रिटर्न देने का वादा किया था और शुरुआत में पैसा इन्वेस्ट करने वालों को उनसे किए गए वादे के हिसाब से रिटर्न भी दिया गया था। इस वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने इस ऐप में इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया लेकिन वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए।

आईएफएसओ यूनिट के डीसीपी हेमंत तिवारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आखिर Hibox ऐप घोटाले को कैसे अंजाम दिया गया था। डीसीपी के मुताबिक, घोटालेबाजों ने सोशल मीडिया पर अच्छे-खासे फॉलोअर रखने वाले इंफ्लुएसर्स और यूटयूबर्स का सहारा लिया और इन्होंने लोगों को लालच देकर उन्हें ऐप पर इन्वेस्टमेंट करने के लिए तैयार किया।

इन्वेस्ट करने वालों से वादा किया गया था कि उन्हें हर दिन एक प्रतिशत से लेकर 5% तक का रिटर्न दिया जाएगा। डीसीपी ने बताया कि 30 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी खून-पसीने की कमाई को Hibox ऐप में इन्वेस्ट किया। पुलिस का कहना है कि Hibox ऐप ने शुरुआत में लोगों को अच्छा रिटर्न दिया लेकिन जुलाई 2024 आने तक यह सभी लोग गायब हो गए और इन्होंने बहाना बनाया कि तकनीकी गड़बड़ियों, कानूनी मुद्दों की वजह से वे लोगों को पैसा नहीं दे पा रहे हैं।

इसके बाद ऐप संचालकों ने अचानक इन्वेस्टर्स को पैसे देना बंद कर दिया और नोएडा में चल रहे अपने दफ्तर को बंद करके फरार हो गए।

इस घोटाले का पता कैसे चला?

इस साल अगस्त में दिल्ली पुलिस को आईएफएसओ यूनिट की ओर से 29 लोगों के द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतें मिली। इन शिकायतों में लोगों ने कहा था कि उन्हें एक से पांच प्रतिशत तक हर दिन रिटर्न देने की गारंटी दी गई थी। पुलिस का कहना है कि दिल्ली के तमाम जिलों से इस तरह की शिकायतें आई हैं।

डीसीपी ने बताया कि शिकायत करने वाले सभी लोगों ने एक ही बात कही कि उन्होंने Hibox ऐप में इन्वेस्टमेंट करने का फैसला तब लिया जब सोशल मीडिया पर बड़ी पहचान रखने वाले इनफ्लुएंसर्स और यूटयूबर्स जैसे- सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान, पूरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिम्बाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित उर्फ क्रेजी एक्सवाईजेड; और दिलराज सिंह रावत ने Hibox ऐप का प्रमोशन किया।

इस महीने की शुरुआत में पुलिस इन सभी इनफ्लुएंसर्स को Hibox ऐप का इस्तेमाल करने के लिए प्रभावित करने के आरोप में नोटिस जारी कर चुकी है।

Easebuzz और PhonePe का हुआ इस्तेमाल

पुलिस को जांच में पता चला है कि पैसे ट्रांसफर करने के लिए पेमेंट गेटवे Easebuzz और PhonePe का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने इस मामले में जे शिवराम नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा बैंक अकाउंट्स की जांच से पता चला है कि चार बैंक अकाउंट्स में 18 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।

डीसीपी तिवारी ने बताया कि इन्वेस्ट किए गए 18 करोड़ रुपये सुत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार अकाउंट्स में जमा किए गए थे और ये फर्म जे शिवराम के नाम पर रजिस्टर्ड है और शिवराम इस फर्म के निदेशक हैं।

दिल्ली पुलिस इस मामले में Hibox ऐप के डायरेक्टर्स के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर चुकी है। इसके सभी डायरेक्टर फिलहाल विदेश में हैं।


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