माता के यह रूप सिंह पर विराजमान हैं और उनकी चार भुजाएं हैं। उनकी ऊपरी दाहिनी भुजा में बाल स्वरूप कार्तिकेय हैं, जबकि निचली दाहिनी भुजा में वे कमल पुष्प धारण किए हुए हैं। वहीं ऊपरी बाईं भुजा से वे वरद मुद्रा में आशीर्वाद देती हैं और निचली बाईं भुजा में भी कमल पुष्प सुशोभित है। उनके इस दिव्य स्वरूप के दर्शन से मन प्रसन्न हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां स्कंदमाता की उपासना संतान संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। साथ ही उनकी आराधना से बुद्धि और ज्ञान का विकास भी होता है। ऐसे में आप अपने प्रियजनों और करीबियों को ये शुभकामना भेज सकते हैं और माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
जय मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन की शुभकामनाएं
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
जय मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन की शुभकामनाएं
दिव्य है मां की आंखों का नूर, संकटों को मां करती हैं दूर,
मां की ये छवि निराली, मां स्कंदमाता आपके घर लाएं खुशहाली।
जय मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन की शुभकामनाएं
मां स्कंदमाता के कदम आपके घर में आएं
संतान पर कभी कोई संकट न आए
मुसीबत नियां आंखे चुराएं
जय मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन की शुभकामनाएं
रूठी है तो मना लेंगे, पास अपने बुला लेंगे
मैया है वो दिल की भोली, श्रद्धा के फूल उन्हें चढ़ा देंगे।
जय मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन की शुभकामनाएं
स्कंदमाता के कदम आपके घर में आएं,
सुख समृद्धि और खुशियां लाएं,
मुसीबत और परेशानियां आंखे चुराएं।
जय मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन की शुभकामनाएं
क्या है पापी क्या है घमंडी
मां के दर पर सभी शीश झुकाते हैं।
मिलता है चैन तेरे दर पर मैया,
झोली भरके सभी है जाते।
जय मां स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन की शुभकामनाए।

