Today Panchang | आज का पंचांग, 06 अप्रैल 2025 सूर्योदय 06:05 ए एम सूर्यास्त06:41 पी एमचंद्रोदय12:43 पी एमचंद्रास्त03:00 ए एम, अप्रैल 07तिथि नवमी, 07:22 पी एम तक दशमी नक्षत्र पुष्य, पूर्ण रात्रि तक योग सुकर्मा, 06:55 पी एम तक धृति करण बालव, 07:19 ए एम तक कौलव, 07:22 पी एम तक तैतिल वाररविवारचंद्र मास (अमांत)चैत्रचंद्र मास (पूर्णिमांत)चैत्रपक्षशुक्लचंद्र राशि कर्क सूर्य राशि मीन ऋतुवसंतब्रह्म मुहूर्त04:33 ए एम से 05:19 ए एमअभिजीत मुहूर्त11:58 ए एम से 12:48 पी एमविजय मुहूर्त02:29 पी एम से 03:19 पी एमगोधूलि मुहूर्त06:40 पी एम से 07:03 पी एमअमृत काल11:46 पी एम से 01:26 ए एम, अप्रैल 07निशिता मुहूर्त11:59 पी एम से 12:45 ए एम, अप्रैल 07रवि पुष्य योगपूरे दिनसर्वार्थ सिद्धि योगपूरे दिनरवि योगपूरे दिनराहुकाल05:06 पी एम से 06:41 पी एमविक्रमी संवत्2082शक संवत्1945 शोभकृत

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हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त का विचार अवश्य किया जाता है। शादी-ब्याह, ग्रह प्रवेश, नवीन कार्य आदि अनुष्ठान पंडितों, ज्योतिषियों से पूछकर किए जाते हैं। ऐसे ही दैनिक जीवन में शुभ कार्य के लिए भी पंचांग देखा जाता है। दैनिक जीवन में कौनसा समय आपके लिए शुभ होगा और कौनसा समय आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। ये जानकारी आपको आज का पंचांग के माध्यम से प्राप्त होती है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता]

आज का पंचांग, आज की तिथि, वार, नक्षत्र, करण, योग के साथ-साथ मुहुर्त, राहुकाल, सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त, चंद्र राशि, सूर्य राशि के बारे में जानकारी देता है।

क्या होता है पंचांग?

हिन्दू शास्त्र के अनुसार, पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार हैं। हिन्दू धार्मिक परंपरा में किसी भी शुभ मुहूर्त को निकालने के लिए पंचांग का प्रयोग किया जाता है। पंचांग के परामर्श के बिना शुभ कार्य जैसे शादी, नागरिक सम्बन्ध, महत्वपूर्ण कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह, परीक्षा, साक्षात्कार, नया व्यवसाय या अन्य किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं।

शुभ मुहूर्त निकालने में पंचांग की भूमिका

जैसा कि प्राचीन समय से बताया गया है कि हर क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसी तरह जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के अनुरूप कार्य करता है तो पर्यावरण प्रत्येक व्यक्ति के साथ समान तरीके से कार्य करता है। एक शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले महत्वपूर्ण तिथि का चयन करने में हिन्दू पंचांग मुख्य भूमिका निभाता है।

ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित होती है गणना

भारतीय पंचांग ग्रह और नक्षत्र की चाल पर आधारित है, जिसकी गणना सटीक होती है। यही कारण है कि हिन्दू संस्कृति में शादी-मुंडन, गृह प्रवेश सहित सोलह संस्कार


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