ट्रांजिट कैंप रूद्रपुर बनाम सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका डालने की धीमी आहट

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ट्रांजिट कैंप रूद्रपुर बनाम सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका डालने की धीमी आहट। कानून की जबरदस्त पकड़ रखने वालों की चर्चा के बीच हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स। ट्रांजिट कैंप के संदर्भ में जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में तुरन्त स्वीकार कर ली जाएगी। क्योंकि मामला ट्रांजिट कैंप अतिक्रमण का है। ट्रांजिट कैंप केंद्रीय सरकार के अधीन भूमि जिसे लीज पर दिया गया था₹10 के स्टांप पेपर पर ट्रांजिट कैंप की जमीन को खुर्द बुद्ध कर दिया गया । नगर निगम चुनाव के उपरांत एवं विधान सभा 2027 से पूर्व जनहित याचिका डालने की तैयारी। जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में डालने से अपील के सारे रास्ते स्वत ही बंद हो जाएंगे। जनहित याचिका डालने वालों की चर्चा में यह भी मुद्दा जोर-जोर से उठा, जिन व्यक्तियों के नाम ट्रांजिट कैंप की जमीन आवंटन थी, उन पट्टा धारकों पर भी सुप्रीम कोर्ट की तलवार अटक सकेगी। कल्याणी नदी जो की ट्रांजिट कैंप को छूते हुए निकलती है। जनहित याचिका में कल्याणी नदी का भी उल्लेख होगा। उत्तराखंड के अंदर जनहित याचिकाओं का दौरा थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगला पंतनगर, भगवानपुर दानपुर, हल्द्वानी बनभौरपुरा, उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में देहरादून से लेकर खटीमा तक समाजसेवी आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा चुन चुनकर जनहित याचिकाएं डाली जा रही है। जिसमें सत्ता पक्ष की हनक भी कोर्ट के आगे फीकी पड़ती दिखाई दे रही है। जनप्रतिनिधियों के द्वारा आश्वासन सहानुभूति के अलावा कोई भी चार उनके पास भी नहीं है। आपको अवगत करा दे उत्तराखंड राज्य स्थापना के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से रोजगार की तलाश में हजारों की संख्या में लोग सपरिवार उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में बसने लगे। सस्ती जमीन के लालच में जो की ₹10 के स्टाम पर भू माफियाओं द्वारा बेची गई थी। लोगों ने एक दूसरे की देखा देखी आलीशान भवनो का निर्माण शुरू कर दिया। आज ट्रांजिट कैंप उधम सिंह नगर की सबसे ज्यादा घनी आबादी के साथ-साथ अपराधियों की शरण स्थली भी बना हुआ है। ट्रांजिटकैंप के संदर्भ में जैसे-जैसे फाइल आगे बढ़ेगी।पूरी खबर हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स एवं प्रिंट मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से अवगत करते रहेंगे।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, उत्तराखंड


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