आखिरकार सरकार से असफल बातचीत के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी जैसी अपनी कुछ अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान कर ही दिया और वो तारीख भी आ गई है.

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बैरिकेडिंग के साथ कील-पैटर्न वाले ब्रेकर
असल में किसानों को रोकने किए लिए शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. सुरक्षा भी चाक-चौबंद कर दी गई है. हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग के साथ कील-पैटर्न वाले ब्रेकर और लोहे की दीवारें खड़ी कर दी हैं. सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में सुरक्षाकर्मियों द्वारा वेल्डिंग और अवरोधक बनाने की तैयारी नजर आ रही है. इससे पहले साल की शुरुआत में भी ऐसी ही सुरक्षा तैयारियां देखने को मिली थीं, जब किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च किया था.

उधर सरकार का बातचीत से इनकार?
रिपोर्ट्स के मुताबिक किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. खुद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि हमें केंद्र सरकार से किसी भी प्रकार की बातचीत का निमंत्रण नहीं मिला है. सरकार बातचीत के मूड में नहीं है, लेकिन हम अपने हक की लड़ाई शांतिपूर्ण तरीके से लड़ते रहेंगे.

इतना ही नहीं किसान नेता पंढेर ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस कार्रवाई में 16 किसान घायल हुए, जिनमें से एक की सुनने की क्षमता चली गई. घायल किसानों से मिलने के बाद पंढेर ने सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हमारी मांगों को अनदेखा करना सरकार की तानाशाही को उजागर करता है. रविवार को हम फिर दिल्ली कूच करेंगे और अपनी आवाज बुलंद करेंगे.

पंजाब से भी पुलिस प्रशासन अलर्ट पर
किसानों के कूच को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पंजाब पुलिस को मीडियाकर्मियों को प्रदर्शन स्थल से दूर रखने के लिए पत्र लिखा है. प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शन स्थल पर मीडियाकर्मियों की उपस्थिति से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कतें हो रही हैं. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर अतिरिक्त बल तैनात किया है. अब देखना है कि किसानों और प्रशासन के बीच जारी यह गतिरोध आने वाले समय में इस आंदोलन को किस तरफ ले जाएगा.


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