अमेरिकी एयर फोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने एक बिना हथियार वाले मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का टेस्ट लॉन्च किया है, ताकि उसकी तैयारी को परखा जा सके. सेना ने एक बयान में कहा, “यह टेस्टिंग लॉन्च नियमित और समय-समय पर किए जाने वाली एक्टीविटी का हिस्सा है, जिसका मकसद यह दिखाना है कि अमेरिका का न्यूक्लियर डिटरेंट सुरक्षित,विश्वसनीय और प्रभावी है.” अमेरिका ने हाइपरसोनिक मिनटमैन III बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण ऐसे समय में किया है, जबकि पश्चिम एशिया युद्ध के मुहाने पर खड़ा है और ईरान जैसे देश परमाणु जंग की धमकी दे रहे हैं.

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दूसरी तरफ, रूस और यूक्रेन भी आपस में टकरा रहे हैं.

मल्टीपल टारगेटेट री-एंट्री व्हीकल्स से लैस इस बैलिस्टिक मिसाइल को बीते 5 नवंबर को कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया गया था. लॉन्च के बाद, यह आईसीबीएम लगभग 4,200 मील (6,759 किलोमीटर) की दूरी तय कर मार्शल द्वीप समूह में एक टेस्ट साइट पर पहुंचा. इस हालिया बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट से पहले इसी तरह की टेस्टिंग 300 बार की जा चुकी हैं. न्यूक्लियर डिटरेंट एक सैन्य सिद्धांत है जिसका उद्देश्य बदले की धमकी देकर अन्य देशों को परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से रोकना है.

क्या है हाइपरसोनिक मिनटमैन III मिसाइल की खासियत
मिनटमैन III सिस्टम को स्ट्रैटेजिक डिफेंस के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी रेंज 5,218 समुद्री मील (6,000 मील/9,656 किलोमीटर) है और इसकी अधिकतम गति 15,000 मील (24,000 किलोमीटर) प्रति घंटा है. मिसाइलों को संभावित हमलों से बचाने के लिए मजबूत अंडरग्राउंड साइलो में रखा जाता है. साइलो को अंडरग्राउंड लॉन्च कंट्रोल सेंटर्स से सुरक्षित कम्युनिकेशन और कमांड के लिए मजबूत केबलों के माध्यम से जोड़ा गया है.

इस सिस्टम में कई कम्युनिकेशन नेटवर्क शामिल हैं ताकि लॉन्च क्रू और टॉप नेशनल लीडरशिप, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति और रक्षा सचिव शामिल हैं, के बीच तुरंत और विश्वसनीय कॉन्टैक्स तय हो सके. यदि जमीन पर स्थित कंट्रोल सेंटर और दूर मिसाइल लॉन्च फैसिलिटी के बीच कम्युनिकेशन में दिक्कत आ जाती है, तो एयर लॉन्च कंट्रोल सेंटर की टीमें खुद कमान संभाल लेती हैं और राष्ट्रपति के आदेशों को लागू करती हैं.


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