उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा राज्य में कथित अवैध खनन पर संसद में की गई टिप्पणी पर उठे विवाद के बाद नौकरशाहों के सम्मान और स्वाभिमान को लेकर आश्वासन की मांग की है।

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एसोसिएशन ने शनिवार (30 मार्च, 2025) को अपने अध्यक्ष आनंद वर्धन की अध्यक्षता में एक बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि इस टिप्पणी से अधिकारियों के मनोबल पर असर पड़ा है। श्री रावत ने पिछले सप्ताह संसद में अवैध खनन के मुद्दे पर बात की थी, जिससे पार्टी और नौकरशाही दोनों में ही विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने राज्य में अपनी ही पार्टी (भाजपा) की सरकार की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया और खनन माफिया और प्रशासन के बीच कथित संबंधों का आरोप लगाया। श्री रावत ने संसद को बताया कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में अवैध खनन में लगे ट्रकों का रात में संचालन किया जा रहा है और यह न केवल कानून और पर्यावरण संरक्षण बल्कि आम जनता के लिए भी गंभीर खतरा बन रहा है। हालांकि, उत्तराखंड के खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य में ई-टेंडर सह ई-नीलामी के माध्यम से उप-खनिज रेत, बजरी, बोल्डर के लिए कुल 159 खनन पट्टे और दो सिलिका सैंड खनन पट्टे आवंटित किए गए हैं।


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