जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर उन्हें उत्पाद शुल्क नीति मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया, तो वो किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। इस मामले में सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांक दत्ता की बेंच ने की। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह व्यक्त किया कि अंतरिम जमानत के दौरान एक सीएम के रूप में उनके आधिकारिक कार्य करने का व्यापक प्रभाव हो सकता है।
फिर, वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को इस बात की सुनिश्चित किया कि वो किसी भी अधिकृत फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। हालांकि ईडी ने अंतरिम राहत का विरोध करते हुए कहा कि राजनेताओं को एक वर्ग से अलग नहीं माना जा सकता और केजरीवाल के मामले को आम आदमी के मामले के समान ही माना जाना चाहिए।